अगर आपका बच्‍चा वीड‍ियो गेम खेलता है तो आपको इसके बारे में जरूर पता होना चाहिए. आज हमारे बच्‍चे एक स्‍थ‍ित‍ि में आ गए हैं, ज‍िसे प्रॉबलमेट‍िक वीड‍ियो गेम (PVG) कहा जाता है. यह बहुत बड़ी बात है, यह वास्तविक है और यह उनकी हड्डियों को भी प्रभावित कर रही है. ये बड़ी बात है क्‍योंक‍ि हड्ड‍ियां ही तो उनके शरीर की नींव हैं. 


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खेलकूद सिर्फ पेशेवर खिलाड़ी और एथलीट बनने के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि हड्डियों और मांसपेशियों के विकास और मजबूती के लिए भी जरूरी है. खेलकूद के जिस उम्र में हड्डियों का विकास होता है उस उम्र में कई बच्चे हड्डियों के कमजोर होने की बीमारी के साथ ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. RML अस्पताल में राष्ट्रीय अस्थि दिवस के मद्देनजर आयोजित कार्यक्रम में डाक्टरों ने यह जानकारी दी. डॉक्टर बताते हैं कि मोबाइल व वीडियो गेम में अधिक सक्रियता और आउटडोर खेल से दूरी बच्चों में हड्डियों के कमजोर और घुटने टेढ़े होने की बीमारी का कारण बन रही है. 


अधिक पसीना आना हो सकता है इस विटामिन की कमी का संकेत


 


ये बच्चे मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन से चिपके रहते हैं, घंटों गेम खेलते रहते हैं और इससे सिर्फ उनकी आंखें ही नहीं, बल्कि उनकी हड्डियां भी बरबाद हो रही हैं. शोधकर्ताओं ने इस व‍िषय पर स्‍टडी करने के लिए मई 2019 से अगस्त 2021 के बीच 110 किशोरों की गत‍िव‍िध‍ियों पर नजर रखी. ये सभी गेमर थे, जो दिन में कम से कम दो घंटे ऑनलाइन गेम खेलते थे.  शोधकर्ताओं ने सब कुछ नोट क‍िया, मसलन उनका स्क्रीन टाइम, वे कौन से गेम खेल रहे हैं, यहां तक कि वे धूम्रपान या शराब पी रहे हैं या नहीं. सब कुछ चेक क‍िया. 


जिन क‍िशोरों का स्‍कोर 16 आया, उन्‍हें पीवीजी ग्रुप में रखा गया और ज‍िनका 16 से कम स्‍कोर था, उनके ल‍िए ये माना गया क‍ि उन्‍हें कंट्रोल क‍िया जा सकता है. 


अध्‍ययन करने वाले वैज्ञान‍िकों ने इस दौरान क‍िशारों की नींद, मूड और हड्ड‍ियों प नजर बनाए हुए थे. उन्‍होंने एक खास तरह का एक्‍सरे यूज क‍िया ज‍िससे ये पता चला क‍ि जो बच्‍चे PVG ग्रुप में हैं, उनकी हड्ड‍ियों का स्‍कोर बहुत कम है, खासतौर से ह‍िप की हड्डी. इसके अलावा उनकी गर्दन और रीढ़ की हड्ड‍ियों का भी यही हाल था.  


वे गेम खेलने में कितना समय बिताते हैं और कितना कम हिलते-डुलते हैं. इसका उनकी हड्ड‍ियों की सेहत प्रभाव‍ित होती है. 


तो, अब आपको क्या पता है? अब आप जानते हैं कि ये गेमर्स जोखिम में हैं. वे हिलते-डुलते नहीं हैं, वे बहुत ज्‍यादा कैफीन पीते हैं और यह उनकी हड्डियों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्राॅबलमेट‍िक वीडियो गेम इन बच्चों को उनकी कमर से सबसे पहले कमजोर कर देता है. और वो जितना ज्‍यादा वे गेम खेलते हैं, उतना ही बुरा होता जाता है.