World Wetland Day Theme 2023: वर्ल्ड वेटलैंड्स डे, क्या आपको पता है कि वर्ल्ड वेटलैंड्स डे क्या होता है और इसे क्यों मनाया जाता है. अगर नहीं जानते तो हम आपको बता देते हैं कि यह क्या होता है? इसका मतलब होता है आर्द्रभूमि जहां साल भर पूरी तरह या थोड़ा बहुत पानी भरा रहता है. जमीन इंसान के जीवन के लिए बहुत जरूरी है. 1971 में 2 फरवरी को ईरान के रामसर में वेटलैंड कन्वेंशन को अपनाया गया था. इसलिए हर साल 2 फरवरी को वेटलैंड डे मनाया जाता है. साल 2022 में वेटलैंड डे की थीम वेटलैंड्स एक्शन फॉर पीपल एंड नेचर रखी गई थी. वहीं साल 2021 में वेटलैंड डे की थीम वेटलैंड्स और वाटर रखी गई थी. वहीं इस साल की थीम है- "वेटलैंड्स के रीस्टोरेशन का समय".


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वेटलैंड यानी नमभूमि या आद्रभूमि. वेटलैंड जमीन के उस हिस्से को कहा जाता है जहां पानी और जमीन आपस में मिलते हों. ऐसी जमीन पर सालभर थोड़े हिस्से में या पूरे में पानी भरा रहता है. वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाने का जिसका उद्देश्य उन जगहों को लाइमलाइट में लाना है, जो विलुप्त होने वाले हैं. 


नदियों, झीलों, तालाबों आदि की स्थिति को देखते हुए  2 फरवरी 1971 में ईरान के रामसर में वेटलैंड कन्वेंशन को अपनाया गया था. पहली बार वर्ल्ड वेटलैंड डे 2 फरवरी 1997 में मनाया गया था. जबकि भारत ने 1 फरवरी 1982 में संधि पर हस्ताक्षर किए थे.  


वर्ल्ड वेटलैंड्स डे पर यूपी प्रदेश में ‘बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल’ का आयोजन किया जा रहा है. बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल का राज्य स्तरीय समारोह दिनांक एक से 3 फरवरी, 2023 तक विजय सागर पक्षी विहार, महोबा में आयोजित किया जा रहा है. इस फेस्टिवल के दौरान रोड शो, नेचर वॉक, पक्षियों के व्यवहार, घोंसले व भोजन के संबंधित जानकारी, पक्षी, वेटलैंड, कीट-जगत एवं जैव विविधता पर बेस टेक्निकल सेशन, लेक्चर, आर्ट प्रतियोगिता व फोटोग्राफी के साथ ही ईको पर्यटन स्थलों का भ्रमण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल के प्री इवेन्ट का शुभारंभ पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने किया. इस मौके पर इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) के यूपी चैप्टर के अध्यक्ष मुकेश बहादुर सिंह मौजूद रहे.
 
ओडिशा की चिल्का झील भारत का पहला रामसर स्थल है. 2021 में भारत की 4 और आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल की लिस्ट में शामिल किया गया था. विश्व में कुल 2400 से ज्यादा स्थलों को रामसर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है. भारत में कुल 46 रामसर स्थल हैं. रामसर स्थल ऐसी आद्रभूमियां हैं, जिन्हें यूनेस्को के रामसर कन्वेंशन के तहत नोटिफाई किया जाता है. वहीं अगर यूपी की बात करें तो उत्तर प्रदेश में ऊपरी गंगा नदी (बृजघाट से नरोरा तक), नवाबगंज पक्षी विहार, पार्वती अरगा पक्षी विहार, समान पक्षी विहार, समसपुर पक्षी विहार, सांडी पक्षी विहार, सरसई नावर झील, सूर सरोवर (कीठम झील) पक्षी विहार, हैदरपुर पक्षी विहार एवं बखीरा वन्यजीव विहार, रामसर साइट घोषित किए गए हैं.


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