S. Rajalingam UPSC: IAS के ऊपर पूरे जिले की जिम्मेदारी होती है किसी भी विभाग में कोई भी गड़बड़ी होने पर उसे सुधरवाने का काम एक आईएएस का होता है. इसीलिए आपने देखा होगा कि आईएएस कई बार बिना बताए औचक निरीक्षण पर निकल जाते हैं, इससे उस जगह या विभाग की असलियत का पता चलता है कि वहां काम कैसे हो रहा है और काम करने का तरीका क्या है? ऐसा ही किया वाराणसी के डीएम एस. राजालिंगम ने. 


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तिरुनेलवेली जिले के कदयानल्लुर के रहने वाले एस राजलिंगम हाल ही में वाराणसी जिले के डीएम बनाए गए हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र भी है. उन्होंने काशी-तमिल संगमम (केटीएस) के शुरू होने से ठीक 10 दिन पहले कलेक्टर-सह-जिला मजिस्ट्रेट के रूप में पदभार ग्रहण किया. वह पिछले 16 साल से आईएएस अधिकारी हैं और वाराणसी पांचवां जिला है जहां वे कलेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं. IAS अधिकारी बनने से पहले, उन्होंने उत्तर प्रदेश में अलग अलग पर IPS अधिकारी के रूप में काम किया.


उत्तर प्रदेश आने से पहले, मुझे इस राज्य के बारे में कुछ आपत्तियां थीं. लेकिन मेरे लिए आश्चर्य की बात यह है कि यहां के लोगों ने मुझे स्वीकार कर मुझे चौंका दिया है. यहां के लोग तमिलों का सम्मान करते हैं और मानते हैं कि तमिल जो कुछ भी करते हैं उसमें ईमानदार हैं.


दरअसल बनारस के नए IAS अफसर एस राजलिंगम औचक निरिक्षण पर निकले थे. इस दौरान वह  प्राथमिक विद्यालय सिकरौल नंबर 1 नगर क्षेत्र में पहुंच गए. इस दौरान उन्हें शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी और सहायिका समेत 4 लोग ड्यूटी पर नहीं मिले और न ही वहां जानकारी थी कि वह कहां हैं. मतलब वह बिना बताए गायब मिले तो जिलाधिकारी ने बर्खास्त करने का निर्देश दिया.


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