Most Difficult Subject In World: अगर आप लगातार पढ़ाई-लिखाई को समय देते हैं तो कुछ भी कठिन नहीं होता है, क्योंकि जिस सब्जेक्ट को जितना समय दिया जाए, वह उतना ही आसान होता जाता है, लेकिन कुछ विषय बहुत ही मुश्किल होते हैं, जिनकी पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को दूसरे सब्जेक्ट्स के मुकाबले ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. आज हम आपको एक ऐसे ही सब्जेक्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी पढ़ाई दुनिया में सबसे टफ मानी जाती है.


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हर कोई आसान से आसान कोर्स करके अच्छी जॉब पाना चाहता है और आमतौर पर हमारे देश में ऐसा ही होता है, लेकिन कुछ ऐसे कोर्स भी हैं बेहद मुश्किल कोर्स में से गिना जाता है. कुछ समय पहले ऑक्सफोर्ड रॉयल एकेडमी ने दुनिया के 10 सबसे कठिन विषयों की डिग्रियों की रैंकिंग जारी की है. इन मुश्किल सब्जेक्ट्स में से एक कोर्स है एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, जिसे पहले नंबर पर रखा गया हौ.  


एयरोस्पेस इंजीनियरिंग:
सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि इस सबसे मुश्किल कोर्स को कौन करता है और इसे करने के बाद कौन सी नौकरी मिलती है.  यह इंजीनियरिंग के मुख्य ब्रांच में से एक है. इसमें एयरक्राफ्ट और स्पेसक्राफ्ट के निर्माण से जुड़ी चीजें पढ़ाई जाती हैं. इस फील्ड की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को सिद्धांतों की गहरी समझ और तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है.


मिलता है बेहतरीन सैलरी पैकेज
इसमें सभी विमानों के डिजाइन, निर्माण और परीक्षण की पढ़ाई कराई जाती है. इस तरह की चीजों को पढ़ने में बहुत मेहनत और लगन की जरूरत होती है. इस विषय की पढ़ाई करने वालों युवाओं को डिग्री मिलते ही उनकी लाइफ सेट हो जाती है, क्योंकि शुरुआत में ही लाखो-करोड़ों तक का सैलरी पैकेज मिलता है.


बी.टेक इंजीनियरिंग की सबसे टफ ब्रांच
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बी.टेक विमान और एयरोस्पेस के विकास से संबंधित इंजीनियरिंग के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के दो प्रमुख भाग हैं.


एयरोस्पेस इंजीनियरिंग बी.टेक इंजीनियरिंग की सबसे टफ ब्रांच है, जो एयरोस्पेस के टेक्नीकल और इलेक्ट्रॉनिक्स पक्ष से भी संबंधित है. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के एक बड़े हिस्से में मैकेनिकल इंजीनियरिंग शामिल है, जिसमें कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम, संरचना, मैथ्स, फिजिक्स, ड्राफ्टिंग, वैमानिकी जैसे विषयों की एक विस्तृत रेंज शामिल है. 


डिमांडिग कोर्स
इस समय में इस कोर्स की डिमांड तो तगड़ी है, लेकिन इसे करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम है. ऐसे में जो स्टूडेंट्स कुछ हटकर करना चाहते हैं तो इस कोर्स में दाखिला लेकर अपना फ्यूचर संवार सकते हैं.