Chaudhary Devi Lal: आज भारतीय राजनीति के किंगमेकर कहे जाने वाले चौधरी देवीलाल (Devilal) का जन्मदिन है. आइए आज देवीलाल के जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ किस्से. 


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किसानों के मसीहा
'हर खेत को पानी, हर हाथ को काम, हर तन पर कपड़ा, हर सिर पर मकान, हर पेट में रोटी, बाकी बात खोटी.' ये बोल चौधरी देवीलाल के हैं, जो किसानों के मसीहा के नाम से मशहूर हैं. वो देश के उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रहे उन्हें हरियाणा का निर्माता भी कहा जाता है और यहां के लोग उन्हें प्यार से 'ताऊ देवीलाल' कहते थे.


पीएम का पद ठुकराया
चौधरी देवीलाल भारतीय राजनीति के दिग्गज, किसानों के मसीहा, महान स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रीय राजनीति के भीष्म-पितामह, करोड़ों भारतीयों के जननायक थे. उन्होंने हमेशा कमजोर वर्गों, किसानों, मजदूरों, गरीबों एवं बेसहारा वर्ग के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी. मरणोपरांत भी उनका कद भारतीय राजनीति में बहुत ऊंचा है. उन्होंने एक बार प्रधानमंत्री का पद भी ठुकरा दिया था.


पूरे ठाठ, जुझारूपन और दबंग थे देवी लाल
वो अपने स्वभावानुसार पूरे ठाठ, जुझारूपन और दबंग अस्मिता के साथ जीए. उनका देशी लहजा और बेबाकी से अपनी बात रखने का अंदाज जगजाहिर था.


किंगमेकर की भूमिका में रहे ताऊ
चौधरी देवी लाल अक्सर कहा करते थे कि भारत के विकास का रास्ता खेतों से होकर गुजरता है, जब तक गरीब, किसान, मजदूर इस देश में सम्पन्न नहीं होगा, तब तक इस देश की उन्नति के कोई मायने नहीं हैं. वो इसे अक्सर यह दोहराया करते थे. अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वो अपने कार्यकाल में अंत तक संघर्ष करते रहे. वे उन नेताओं में से थे, जिनकी सोच थी कि सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं, बल्कि जन सेवा के लिए होती है. यही कारण था कि उनका सम्मान सभी पार्टियां करती थीं. ताऊ की आजादी से लेकर राजनीति तक किंगमेकर की भूमिका रही.


नारा रहा बहुत फेमस
'तख्त बदल दो, ताज बदल दो, बेईमानों का राज बदल दो'... 1989 के चुनाव में चौधरी देवीलाल का यह नारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की आवाज बना था. दरअसल, 1989 में  वो वीपी सिंह के साथ कई जनसभाएं कर रहे थे, इस दौरान राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ में तीन बजे उनकी सभा होनी थी. किसी कारण की वजह से ताऊ उस सभी में रात 10 बजे तक नहीं आए, लेकिन लोग तब भी उनके इंतजार में वहां डटे रहे. तब उन्होंने मंच पर जाते ही  लोगों से ये नारा लगवाया था. आज भी उनके भाषण देश प्रेमियों को खूब भाते हैं.


सिरसा में हुआ जन्म
हरियाणा के सिरसा में जन्मे चौधरी देवीलाल को दबंग ताऊ के नाम से भी जाना जाता है. अपने स्वाभाव और खरी बोली के लिए लोगों के बीच मशहूर चौधरी देवीलाल का नाम उन नेताओं में आता है, जो आजादी के पहले और बाद भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका में नजर आए. देवीलाल का जन्म 25 सितंबर 1914 को वर्तमान हरियाणा के सिरसा जिले के तेजा खेड़ा गांव में हुआ था. उनकी मां का नाम शुगना देवी और पिता का नाम लेख राम सिहाग था. लेख राम चौटाला गांव के जाट थे और उनके पास 2750 बीघा जमीन थी. उन्होंने मिडिल स्कूल तक शिक्षा प्राप्त की.


चौधरी देवीलाल का व्यक्तिगत जीवन
चौधरी देवी लाल का विवाह हरखी देवी के साथ हुआ था, उनके 5 बच्चे हुए जिनमें 4 बेटे और 1 बेटी शामिल है. देवी लाल के चारों बेटे ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह तथा जगदीश चौटाला हैं और वर्तमान में उनके कई नाती-पोते हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं. हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के बेटे हैं. 


1952 में पहली बार लड़ा विधानसभा चुनाव
चौधरी देवीलाल के राजनीतिक करियर पर नजर डालें, तो उन्होंने साल 1952 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. हालांकि, विधानसभा में मिली जीत को वो लोकसभा चुनाव में नहीं दोहरा पाए. उन्हें लगातार तीन लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इस बीच वो दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे. यही नहीं, उन्होंने 2 दिसंबर 1989 से 21 जून 1991 तक देश के उपप्रधानमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली.


2001 में हुआ निधन, इनेलो के संस्‍थापक
देवीलाल ने साल 1996 में इंडियन नेशनल लोक दल की स्थापना की. इसके बाद वह साल 1998 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए. साल 2001 में जब वह राज्यसभा सांसद थे, तो उनका निधन हो गया. उनके निधन के 23 साल बीत जाने के बाद आज भी लोग उनके भाषणों की चर्चा करते हैं. (इनपुट आईएनएस से भी)