झारखंड में हार मेरे लिए व्यक्तिगत बहुत दुखद है..., हिमंत बिस्वा सरमा ने 120 दिनों की बता दी पूरी कहानी
Himanta Biswa Sarma On Jharkhand despite election loss: सीएम हिमंता ने कहा, `विधानसभा में विपक्षी की भूमिका का पालन करते हुए हम हमेशा इस (बांग्लादेशी घुसपैठ) मुद्दे को हमेशा उठाते रहेंगे. मैं चुने हुए विधायकों से अपनी तरफ से यह निवेदन करता हूं. मैं झारखंड में खूब समय बिताया. मिशन में सफल नहीं हुए. लेकिन आप लोगों का प्यार हमेशा मुझे याद रहेगा.
Himanta Biswa Sarma pledges support to BJP workers: झारखंड चुनाव सह प्रभारी और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया है. उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि वो हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहेंगे. इसके साथ ही सीएम ने बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने कहा, झारखंड में मैंने पिछले 4 महीने बिताए. भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में, पार्टी को मदद करने, साहस देने और मिलकर एक साथ चुनाव लड़ने के लिए हमलोगों ने भरपूर प्रयास किया. जो भी कारण हो. हम हमारे मकसद में कामयाब नहीं हो पाए. जब भी किसी काम में हम असफल होते हैं, तभी आने वाली सफलता की बुनियाद बनती है.''
मैं झारखंड की सरकार से निवेदन करूंगा
सीएम हिमंत ने आगे कहा, 'झारखंड के कार्यकर्ताओं को करीब से देखने का मुझे सौभाग्य मिला. मैं आज भी समझता हूं. घुसपैठियों की जो समस्या है वो आने वाले दिनों में झारखंड को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचाने वाली है. मैं झारखंड की सरकार से निवेदन करूंगा कि आप घुसपैठियों को झारखंड से निकालने या कम से कम उनकी पहचान करिए. यह संविधान प्रदत्त जिम्मेदारी होती है. मेरा विश्वास है कि झारखंड की सरकार इस जिम्मेदारी को निभाएगी.'
आप लोगों का प्यार हमेशा मुझे याद रहेगा
सीएम हिमंता ने कहा, 'विधानसभा में विपक्षी की भूमिका का पालन करते हुए हम हमेशा इस (बांग्लादेशी घुसपैठ) मुद्दे को हमेशा उठाते रहेंगे. मैं चुने हुए विधायकों से अपनी तरफ से यह निवेदन करता हूं. मैं झारखंड में खूब समय बिताया. मिशन में सफल नहीं हुए. लेकिन आप लोगों का प्यार हमेशा मुझे याद रहेगा. मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद कहता हूं. जिसमें उन्होंने लिखा था- 'झारखंड में हार मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखद है, भले ही हमने असम में सभी पांच उपचुनावों में जीत हासिल की हो.
झारखंड में बीजेपी की हुई करारी हार
मैंने झारखंड में अपने कार्यकर्ताओं के अटूट समर्पण और अथक प्रयासों को देखा है, जिन्होंने इस चुनाव में अपना सब कुछ झोंक दिया. हमने राज्य को घुसपैठ से बचाने और छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए इसे विकास के पथ पर ले जाने के दृष्टिकोण के साथ चुनाव लड़ा.' झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 34 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी दलों ने 22 सीटें जीतीं. वहीं भाजपा ने 21 सीटें जीतीं, और उसके सहयोगी आजसू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जदयू ने एक-एक सीट जीती. इनपुट आईएएनएस से