Jammu-Kashmir Vidhan Sabha Chunav Results Live: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आज (8 अक्टूबर) आने वाले हैं, जिसे लेकर राजनीतिक दलों में जोश है. जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान हुए थे. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हुए विधानसभा में चुनाव में इस बार कुल 63.88 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई है और धारा 370 हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है. इस बार खास बात है कि जम्मू-कश्मीर चुनाव की मतगणना के लिए दिल्ली में भी केंद्र बनाए गए हैं और वोटों की गिनती दिल्ली में भी हो रही है.


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जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए दिल्ली में मतगणना क्यों?


दरअसल, इस बार विस्थापित कश्मीरी पंडितों के मतों की गिनती के लिए दिल्ली में मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा कश्मीर पंडितों के वोटों की गिनती के लिए दिल्ली के अलावा जम्मू और उधमपुर में भी मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. बता दें कि साल 1990 में कश्मीर घाटी में हिंसा के बाद करीब 3.5 लाख कश्मीरी पंडितों को अपना घर छोड़ना पड़ा था. अब सरकार इन पंडितों के पुनर्वास की कोशिशों में जुटी है.


इस बार कश्मीरी पंडितों ने जमकर किया मतदान


इससे पहले कश्मीरी पंडितों के लिए दिल्ली में मतदान केंद्र भी बनाए गए थे और कश्मीरी पंडितों ने जमकर मतदान किया था. इस बार चुनाव में करीब 34 प्रतिशत कश्मीरी पंडितों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. कश्मीरी पंडितों ने सबसे ज्यादा वोटिंग दूसरे चरण में की, तब 40 प्रतिशत कश्मीरी पंडितों ने मतदान किया. इसके अलावा पहले चरण में 31 प्रतिशत और तीसरे चरण में 30 प्रतिशत कश्मीरी पंडितों ने मतदान किया था.


धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार चुनाव


ये चुनाव इसलिए भी खास है, क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात में बड़े बदलाव देखे गए हैं और अब आज आने वाले चुनाव के नतीजे इस नए राजनीतिक दौर की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में कुल 873 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई. आज जनता के फैसले का परिणाम आ जाएगा. श्रीनगर में आठ विधानसभा सीटों के लिए मतगणना केंद्र शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में बनाया गया है. 19 जिलों की बाकी 82 सीटों के लिए संबंधित जिला मुख्यालयों में मतगणना होगी. विस्थापित कश्मीरी पंडितों के मतों की गिनती जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में होगी, जहां मतगणना केंद्र बनाए गए हैं.