K. Annamalai Story: मैं BJP से सैलरी नहीं लेता, खेती करता हूं... एक हमले ने बदल दी अन्नामलाई की जिंदगी
K. Annamalai News: के. अन्नामलाई साउथ में भाजपा का जाना पहचाना नाम हैं. तमिलनाडु में भाजपा की कमान उन्हीं के हाथों में लेकिन उन्होंने जीवन में तेजी से विकल्प बदले हैं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अन्ना ने आईआईएम से पढ़ाई की. आईपीएस बने और एक दिन राजनीति में एंट्री ली.
K. Annamalai History Tamilnadu: तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने बेहद कम समय में राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है. इस बार उन्होंने कोयंबटूर लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा है. तमिलनाडु में लंबी पदयात्रा की तो वह राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आए. हाल में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने जीवन के बारे में कई बातें साझा की हैं. जी हां, कम लोगों को पता होगा कि अन्नामलाई का CAT स्कोर 99.32 प्रतिशत और XLRI स्कोर 99.98% था. इसके बाद अन्ना ने IIM लखनऊ जाने का फैसला किया.
लखनऊ क्यों आए पढ़ने?
इसके पीछे भी अन्नामलाई एक दिलचस्प वजह बताते हैं. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी जगह जाकर पढ़ना चाहता था जहां मैंने कभी पढ़ाई न की हो मतलब वो जगह बिल्कुल नई हो. शहर नया हो, खाना नया हो, लोग नए हों. इस तरह से मैं अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना चाहता था. मैं साउथ इंडियन जगहों पर नहीं पढ़ना चाहता था. लखनऊ में रहने के दौरान ही उन्होंने फैसला किया कि वह UPSC करेंगे.
फिर मुंबई हमला हो गया
अन्ना बताते हैं कि 26/11 मुंबई हमले ने उनकी जिंदगी को नई दिशा दी. उस समय वह एमबीए फर्स्ट ईयर में थे. उन्हें बहुत खराब लगा. उन्होंने कहा कि मेरे लिए निजी तौर अपमानित करने जैसा था. बदलाव के लिए खुद को आगे करने में उस घटना ने एक उत्प्रेरक का काम किया. उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर आईआईएम में इंटर्नशिप करनी होती है. मैं और कुछ दूसरे साथियों ने किसी राजनीतिक दल के साथ इंटर्नशिप की. अन्ना ने विजयकांत की पार्टी डीएमडीके तमिलनाडु के साथ तीन महीने तक इंटर्नशिप किया. वो प्रोफेशनल अनुभव था. उन्होंने कहा कि उस समय मैं राजनीति के बारे में सोच भी नहीं सकता था. मेरी इच्छा भी नहीं थी कि मैं पॉलिटिक्स में जाऊं.
राजनीति में क्यों आए?
2009 में उन्होंने प्रीलिम्स दिया. एक साल के भीतर मेन्स हुआ और वह सिलेक्ट हो गए. अन्ना कहते हैं कि अगर मोदी जी राजनीति में नहीं होते तो शायद मैं सिविल सर्विस में ही रहता या अपना एनजीओ चला रहा होता.
मैं भाजपा से सैलरी नहीं लेता
अन्ना कहते हैं कि शुरू से मेरे मन में था अगर मैं फेल हुआ तो वापस खेती करने चला जाऊंगा. हालांकि मौजूदा समय के लिए वह कहते हैं कि राजनीति सेवा है इसमें कुछ भी फेल होने जैसा नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी से कुछ नहीं लेता, मैं कोई सैलरी नहीं लेता. मैं अपने पैसे खर्च करता हूं. मैं जहां भी जाता हूं अपने पैसे से ट्रवेल करता हूं. कैसे मैनेज करते हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरा एक छोटा सा बिजनस है और मैं खेती भी करता हूं.
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वह साफ कहते हैं कि यही वजह है कि एक आम आदमी के लिए राजनीति में सर्वाइव करना अब आसान नहीं है. काफी टफ हो गया है. वह हर महीने तीन दिन निकालते हैं और खेती का काम देखते हैं.
अन्नामलाई ने 2019 में आईपीएस की नौकरी छोड़ दी थी. उस समय वह बेंगलुरु साउथ के डिप्टी पुलिस कमिश्नर थे. ईमानदार छवि और सख्त मिजाज के कारण उन्होंने सिंघम जैसी पहचान बनाई थी. भाजपा में आने के एक साल बाद ही वह स्टेट प्रेसिडेंट बन गए. भाजपा को इस बार उनसे ढेरों उम्मीदें हैं. भाजपा को उम्मीद है कि अन्ना उन्हें साउथ में जबर्दस्त सीटें जिता सकते हैं.