Araria Lok Sabha Chunav Result 2024: बिहार के सीमांचल यानी पश्चिम बंगाल, नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाके में पड़ने वाली अररिया लोकसभा सीट काफी अहम मानी जाती है. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अररिया सीट पर चुनावी लामबंदी तेज हो चुकी है. देश में तीसरे आम चुनाव 1967 में अररिया लोकसभा अस्तित्व में आया था. इससे पहले अररिया पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था. लोकसभा चुनाव 2004 तक अररिया अनुसूचित जाति (एससी) के लिए सुरक्षित क्षेत्र रहा था. साल 2009 में यह लोकसभा सीट सामान्य श्रेणी की हो गई.


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अररिया लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट हैं. इनमें नरपतगंज, रानीगंज, फरबिसगंज, अररिया, जोकीहाट और  सिक्ती शामिल है.  बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नरपतगंज, फारबिसगंज, और  सिक्ती विधानसभा सीट पर भाजपा को जीत मिली थी. रानीगंज सीट पर जदयू को, अररिया सीट पर कांग्रेस और जोकीहाट सीट से राजद को जीत मिली थी.


अररिया में फिलहाल भाजपा का पलड़ा भारी, राजद भी मजबूत 


अररिया लोकसभा सीट पर फिलहाल भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 में अररिया सीट पर भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह ने कमल खिलाया था. लेकिन, लोकसभा चुनाव 2014 में देशभर में मोदी लहर के बावजूद अररिया सीट पर राजद ने कब्जा जमाया था. वहीं, तत्कालीन सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद साल 2018 में हुए उपचुनाव में भी राजद उम्मीदवार सरफराज आलम ने जीत बरकरार रखी थी. जबकि, उससे पहले भी भाजपा नेता प्रदीप कुमार सिंह अररिया से सांसद रह चुके थे. इस तरह देखें तो मौजूदा दौर में अररिया लोकसभा सीट पर कोई एक दल कभी हावी होने की बात नहीं कर सकता.


अररिया लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट


लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में, 07 मई को अररिया सीट पर मतदान हुआ था. 04 जून 2024 को वोटों की गिनती के बाद चुनाव आयोग की ओर से आधिकारिक रिजल्ट जारी किया जाएगा. 


अररिया लोकसभा क्षेत्र में धार्मिक और जातीय समीकरण


अररिया लोकसभा सीट का चुनावी समीकरण मुस्लिम और यादव (MY) समीकरण पर आधारित है. यह सियासी समीकरण ठीक चला तो राजद को जीत मिलती है. अगर यह कारगर नहीं हुआ तो राजद को हार मिलती है. हालांकि, माय समीकरण होने के बावजूद भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह अररिया लोकसभा सीट से तीन बार लोकसभा पहुंच चुके हैं. अररिया लोकसभा में धार्मिक समीकरण की बात करें तो हिंदू 56 फीसदी हैं. वहीं, 44 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. इसलिए अररिया में वोटों को ध्रुवीकरण काफी तेजी से होता है.


वहीं, जातीय समीकरण देखें तो अररिया में 15 फीसदी यादव हैं. पिछड़ा, अतिपिछड़ा और महादलित मिलकर 28 फीसदी वोट देते हैं. अररिया लोकसभा सीट में  13 फीसदी सवर्ण वोटर हैं. इसके अलावा मुस्लिम वोट बैंक भी कई फिरकों में बंटा हुआ है. सरकारी आंकडों के मुताबिक अररिया लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19,85,549 हैं. इनमें कुल पुरुष मतदाता 10,34,015 और महिला मतदाताओं की संख्या 9,51,445 है. जबकि थर्ड जेंडर के लगभग 1,723 वोट हैं.


अररिया लोकसभा सीट पर सियासी समीकरण, नोटा की भूमिका


लोकसभा चुनाव 2024 में अररिया लोकसभा पर सीधा मुकाबला राजद और भाजपा उम्मीदवारों के बीच ही देखने को मिल सकता है.  हालांकि, राजद के माय समीकरण के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी चुनावी मैदान में कूद सकती है. अररिया में लोकसभा चुनाव 2014, उप चुनाव 2018 और लोकसभा चुनाव 2019 में  नोटा की बड़ी भूमिका रही है. नोटा के पक्ष में इन तीनों चुनावों में क्रमश: 16,608 वोट, 17,607 और 20,618 वोट पड़े थे, जो कई पार्टियों को मिले वोट से अधिक थे.


अररिया लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास


अररिया लोकसभा सीट पर 1967 से 2019 तक लोकसभा चुनाव में चार बार कांग्रेस को जीत मिली है. एक बार जनता पार्टी को और आम चुनाव और उपचुनाव को मिलाकर जनता दल को तीन बार जीत मिली है. वहीं, राजद को तीन बार जीत मिली है और भाजपा को चार बार जीत मिली है. अररिया के सांसद डुमर लाल बैठा केंद्र में 1963-67 तक कल्याण और आवास राज्य मंत्री तथा 1967-72 तक स्वास्थ्य, श्रम व शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे. तस्लीमुद्दीन भी केंद्र में गृह राज्यमंत्री रहे थे.


अररिया सीट से अब तक लोकसभा पहुंचे सांसदों की सूची


1967 तुलमोहन राम, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1971 तुलमोहन राम, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1977 महेंद्र नारायण सरदार, भारतीय लोकदल


1980 डुमर लाल बैठा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)


1984 डुमर लाल बैठा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस


1989 सुकदेव पासवान, जनता दल


1991 सुकदेव पासवान, जनता दल


1996 सुकदेव पासवान, जनता दल


1998 रामजी दास ऋषिदेव, भारतीय जनता पार्टी


1999 सुकदेव पासवान, राष्ट्रीय जनता दल


2004 सुकदेव पासवान, भारतीय जनता पार्टी


2009 प्रदीप कुमार सिंह, भारतीय जनता पार्टी


2014 मोहम्मद तस्लीमुद्दीन, राष्ट्रीय जनता दल


2018 सरफराज आलम, राष्ट्रीय जनता दल (उप चुनाव)


2019 प्रदीप कुमार सिंह, भारतीय जनता पार्टी