Arrah Lok Sabha Chunav Result : आरा लोकसभा सीट से सीपीआई प्रत्यासी सुदामा प्रसाद ने 59808 वोटों से दर्ज की जीत
Arrah Lok Sabha Chunav Result 2024: पौराणिकता में महाभारत और ऐतिहासिकता में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की पहचान आरा को काफी महत्वपूर्ण बनाती है. बिहार में एक कहावत भी है, `आरा जिला घर बा त कौन बात क डर बा.` गंगा और सोन के दोआब में स्थित कृषि प्रधान आरा लोकसभा क्षेत्र देश के बाकी हिस्से की तरह कभी कांग्रेस का गढ़ रहा था.
Arrah Lok Sabha Election 2024: प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 के सियासी संघर्ष तक भोजपुरी भाषी आरा लोकसभा क्षेत्र की खास पहचान है. महाभारत काल में पांडवों के अज्ञातवास की कथा के चलते आरा की जमीन हर तरह की राजनीतिक विचारधारा के लिए उर्वर रही है. कांग्रेस का गढ़ रहे आरा में नक्सली आंदोलनों को भी पनपने का भरपूर मौका मिला. वहीं, लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में भाजपा के आरके सिंह यहां से जीते और केंद्र में मंत्री बने थे. इस तरह करीब 35 साल बाद आरा सीट से कोई उम्मीदवार लगातार दूसरी बार लोकसभा पहुंचा था. क्योंकि 1984 के बाद आरा की जनता हर पांच साल बाद अपना सांसद बदल देती थी.
कृषि प्रधान आरा लोकसभा में लेफ्ट को 1989 दोहराने की उम्मीद
गंगा और सोन के दोआब में स्थित कृषि प्रधान आरा लोकसभा में सीपीआई-एमएल को 1989 में इंडियन पीपुल्स पार्टी (आईपीएफ) के नाम से देश में पहली बार जीत मिली थी. बाबू कुंवर सिंह से जुड़ी जमीन पर हार्डकोर लेफ्ट फिर से इतिहास दोहराना चाहता है. क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में राजद और कांग्रेस के समर्थन से सीपीआई एमएल ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी. लोकसभा चुनाव 2024 में भी आरा सीट पर इंडिया गठबंधन के सहयोगी सीपीआई एमएल का ही दावा है. वहीं, एनडीए में यह सीट भाजपा के खाते में ही जाएगी. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार भी इन्हीं दोनों के बीच सीधी लड़ाई होगी. वहीं, स्थानीय लोगों का आरा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के अनुमान लगाए जा रहे हैं.
1984 में आखिरी बार मिली कांग्रेस को कामयाबी, तब से सूखा
आरा लोकसभा क्षेत्र सात विधानसभा सीटों को मिलाकर बना है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में इन सात सीटों में से आरा और बड़हरा में भाजपा, संदेश, जगदीशपुर और शाहपुर में राजद, तरारी और अगिआंव (सुरक्षित) में सीपीआई एमएल का कब्जा है. पहले शाहाबाद संसदीय क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाले आरा लोकसभा सीट पर पहले आम चुनाव 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस का सांसद रहा था. कांग्रेस के दिग्गज नेता बलिराम भगत ने लगातार पांच बार जीत दर्ज की. वह केंद्र सरकार में भी कई बार मंत्री रहे. आपातकाल के बाद 1977 में जनता पार्टी की आंधी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 1977 और 1980 में दो हार के बाद 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति की लहर में कांग्रेस फिर लौटी. बलिराम भगत छठी बार जीते, लेकिन आरा में कांग्रेस की यह आखिरी सफलता रही.
लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण में, 01 जून को अररिया सीट पर मतदान हुआ था. 04 जून 2024 को वोटों की गिनती के बाद चुनाव आयोग की ओर से आधिकारिक रिजल्ट जारी किया जाएगा.
आरा में सहानुभूति के अलावा नहीं चली और किसी की भी लहर
1980 में देश की पहली गैर कांग्रेसी जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस की लहर चली. आरा में इसके उलट नतीजा रहा. जनता पार्टी के चंद्रदेव प्रसाद वर्मा अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. इसी तरह 1989 में वीपी सिंह की लहर में यहां जनता दल को जीत नहीं मिल सकी. इंडियन पीपुल्स पार्टी (आईपीएफ) ने देश में पहली बार आरा में जीत दर्ज की. अगले चुनाव में जनता दल ने यहां पहली बार जीत दर्ज की. इसके बाद 2009 तक इस क्षेत्र पर जनता दल और उससे टूटकर बनी पार्टी समता पार्टी, राजद और जदयू का वर्चस्व रहा. उसके बाद भाजपा का कमल खिला.
आरा लोकसभा सीट से जीतने वाले सांसद और उनकी पार्टी के नाम
1952 बलिराम भगत कांग्रेस
1957 बलिराम भगत कांग्रेस
1962 बलिराम भगत कांग्रेस
1967 बलिराम भगत कांग्रेस
1971 बलिराम भगत कांग्रेस
1977 चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जनता पार्टी
1980 चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जनता पार्टी
1984 बलिराम भगत कांग्रेस
1989 रामेश्वर प्रसाद आईपीएफ
1991 रामलखन सिंह यादव जनता दल
1996 चंद्रदेव प्रसाद वर्मा जनता दल
1998 एचपी सिंह समता पार्टी
1999 राम प्रसाद सिंह राजद
2004 कांति सिंह राजद
2009 मीना सिंह जदयू
2014 राजकुमार सिंह भाजपा
2019 राजकुमार सिंह भाजपा