Baghpat Lok Sabha Election Results 2024: बागपत लोकसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश की 80 संसदीय सीटों में से एक है. यह एक सामान्य सीट है जिसमें पूरा बागपत जिला शामिल है. गाजियाबाद और मेरठ का कुछ इलाका भी बागपत लोकसभा के दायरे में आता है. पांच विधानसभाओं में बंटी बागपत लोकसभा सीट से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के डॉ. सत्यपाल सिंह सांसद हैं. 2019 आम चुनाव में सिंह ने राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के जयंत चौधरी को 23 हजार से ज्‍यादा वोटों के अंतर से हराया था. इस बार जयंत ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है. वहीं, समाजवार्टी पार्टी और कांग्रेस ने भी गठबंधन किया है. दोनों गठबंधनों ने अभी तक अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है. बागपत में जाट और गुर्जर वोट बैंक काफी मजबूत है. अनुसूचित जाति (SC) वोटर्स का रुख भी बागपत के चुनावी नतीजों में अहम भूमिका अदा करता है. बागपत लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास से लेकर हालिया ट्रेंड्स, 2024 में बन रहे सियासी समीकरणों के बारे में आगे विस्तार से जानिए.


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बागपत लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024


बागपत लोकसभा सीट एक सामान्य जीत है. इस सीट पर जाट और गुर्जर वोट बैंक काफी मजबूत हैं. पिछले 10 साल से इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमा रखा है. यहां पर बड़ी संख्या में दलित और मुसलमान भी बसते हैं. 


बागपत लोकसभा सीट की जानकारी


यूपी की बागपत सीट का सियासी मूड दिल्‍ली तक असर करता है. राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शामिल बागपत को पहले 'व्यग्रप्रस्थ' (बाघों की जमीन) के नाम से जाना जाता था. दिल्ली और आगरा की तरह बागपत भी यमुना के तट पर स्थित है. मेरठ से इसकी दूरी करीब 50 किलोमीटर है. बागपत जिले की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यहां की प्रमुख जातियां जाट, यादव, गुर्जर, त्यागी और राजपूत हैं. दलितों के अलावा बड़ी संख्या में मुसलमान भी बागपत में बसते हैं.


बागपत का चुनावी मैप : एक लोकसभा और पांच विधानसभा सीटें

बागपत लोकसभा सीट के अंदर कितनी विधानसभाएं हैं?


बागपत लोकसभा क्षेत्र की सीमा में तीन जिलों की पांच विधानसभा सीटें पड़ती हैं. बागपत लोकसभा सीट में बागपत जिले की छपरौली, बड़ौत और बागपत; गाजियाबाद की मोदी नगर विधानसभा और मेरठ की सिवलखास विधानसभा आती है. बड़ौत, बागपत और मोदी नगर विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा है. सिवलखास और छपरौली विधानसभा सीटें RLD के पास हैं.


बागपत लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास : कब किस पार्टी से कौन रहा सांसद


सोर्स : चुनाव आयोग
साल विजेता का नाम (सांसद) पार्टी
2019 सत्‍य पाल सिंह भारतीय जनता पार्टी (BJP)
2014 सत्‍य पाल सिंह भारतीय जनता पार्टी (BJP)
2009 अजित सिंह राष्ट्रीय लोक दल (RLD)
2004 अजित सिंह राष्ट्रीय लोक दल (RLD)
1999 अजित सिंह राष्ट्रीय लोक दल (RLD)
1998 सोमपाल शास्त्री भारतीय जनता पार्टी (BJP)
1997 (उपचुनाव) अजित सिंह निर्दलीय
1996 अजित सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
1991 अजित सिंह जनता दल
1989 अजित सिंह जनता दल
1984 चरण सिंह लोकदल
1980 चरण सिंह लोकदल
1977 चरण सिंह जनता पार्टी
1971 राम चंद्र विकल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
1967 रघुवीर सिंह शास्त्री जनसंघ

Baghpat Lok Sabha Chunav 2024 : बागपत लोकसभा सीट पर किनके बीच मुकाबला है?


बागपत लोकसभा सीट 'चौधरी खानदान' का गढ़ रही है. पहले 2014 और फिर 2019 में, मोदी लहर ने जयंत का यह किला उनसे छीन लिया. इस बार चुनाव से ठीक पहले, बीजेपी ने जयंत को भी साथ ले लिया है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को 'भारत रत्‍न' से सम्‍मानित करना भी बीजेपी की रणनीति का हिस्‍सा है. हालांकि, जयंत और बीजेपी की राह शायद उतनी आसान न हो. काफी ना-नुकुर के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन कर ही लिया. अब बागपत में मुकाबला दो गठबंधनों के बीच है. नए समीकरण बनने लगे हैं. दोनों गठबंधन अपने परंपरागत वोट बैंक से इतर वोट जुटाने में लग गए हैं. सपा-कांग्रेस गठबंधन की नजरें मुस्लिम वोटर्स पर हैं. बागपत सीट पर सपा अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. अभी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है.


पूर्व PM चौधरी चरण सिंह को इसी महीने 'भारत रत्न' देने की घोषणा हुई

BJP या RLD? बागपत में किसका उम्मीदवार?


BJP और RLD के बीच सीटों का बंटवारा अभी नहीं हुआ है. ऐसे में अभी पता नहीं कि बागपत से इनका उम्मीदवार कौन होगा. शहर में जगह-जगह होर्डिंग जरूर लग गए हैं, 'लहर बड़ी करारी है, हमारा सत्यपाल सब पर भारी है'. बीजेपी के सत्यपाल चौधरी ने लगातार दो बार चौधरी परिवार को उन्हीं के गढ़ में हराया है. 2014 में सत्‍यपाल ने बागपत सीट पर अजित सिंह को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था. 2019 लोकसभा चुनाव में सिंह ने जयंत को 23,000 से ज्‍यादा वोटों से मात दी. 


बागपत के लोकल बीजेपी नेताओं को लगता है कि अगर टिकट मिला तो सत्‍यपाल सिंह बड़े आराम से तीसरी बार जीत जाएंगे. चूंकि इस बार RLD भी साथ है तो जाट वोटों के बिखराव का डर भी नहीं. हालांकि, RLD भी सीट पर दावा ठोक रही है. पार्टी के जिलाध्यक्ष रामपाल धमा ने पिछले हफ्ते द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था, 'अगर सत्‍यपाल दो बार के MP हैं तो बड़े चौधरी (अजित सिंह) छह बार बागपत के MP रहे. चरण सिंह भी यहां से सांसद थे... अगर यहां नहीं तो RLD और कहां लड़ेगी?' बीजेपी और आरएलडी में से इस सीट पर किसका उम्मीदवार लड़ेगा, इसकी घोषणा होने पर हम अपडेट करेंगे.


2024 लोकसभा चुनाव का ओपिनियन पोल



बागपत लोकसभा चुनाव 2024 : किसान आंदोलन, जाट-मुस्लिम वोट... कितना असर होगा?


वेस्‍ट यूपी का यह इलाका किसान आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा है. इसी महीने एक ओर जयंत NDA में शामिल होने का ऐलान कर रहे थे, दूसरी तरफ किसान कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने में लगे थे. वेस्‍ट यूपी में किसान आंदोलन के प्रति सहानुभूति तो है मगर शक्ति प्रदर्शन नहीं किया गया. भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने 'भारत बंद' का समर्थन किया था मगर आंदोलन में शामिल होने के सवाल को टाल दिया था. इस बार चुप्पी साधे रही RLD ने 2020-21 में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थीं. हालांकि, इस बार बागपत से किसान आंदोलन को वैसा समर्थन नहीं मिला. बागपत के चुनाव नतीजों पर भी किसान आंदोलन का असर पड़ने की संभावना कम ही है.


जयंत का बीजेपी के साथ जाना बागपत के मुस्लिम वोटर्स को जरूर RLD से दूर करेगा. मुसलमानों ने 2019 लोकसभा और 2022 विधानसभा चुनावों में RLD का साथ दिया था. बीजेपी के साथ जुड़ने से RLD के इस वोट बैंक में सेंध लगना तय है. सपा-कांग्रेस इसका फायदा उठाने की ताक में हैं.