Ballia Lok Sabha Election 2024: बलिया... जहां की मिट्टी में बगावत घुली हुई है. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में तीन लोकसभा क्षेत्र- बलिया, घोसी और सलेमपुर आते हैं. बलिया लोकसभा सीट पर बीजेपी इस बार हैट्रिक लगाने की आस लगाए हैं. देखना यह है कि पार्टी बलिया के वर्तमान सांसद वीरेंद्र सिंह मस्‍त को 2024 लोकसभा चुनाव में दोबारा मैदान में उतारती है या नहीं. 2014 में बीजेपी के भरत सिंह ने बलिया सीट पर जीत दर्ज की. वह इस सीट पर बीजेपी की पहली जीत थी. भरत सिंह ने तब समाजवादी पार्टी के सिटिंग एमपी नीरज शेखर को हराया था. नीरज पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे हैं. जुलाई 2019 में नीरज सपा छोड़ बीजेपी के साथ आ गए थे. चंद्रशेखर को ताउम्र बलिया की जनता का प्यार मिला. वह 1977 में पहली बार बलिया से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. 1984 को छोड़ दें तो चंद्रशेखर 2004 तक बलिया से लगातार जीतते रहे. 2007 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में सपा ने बेटे नीरज को उम्मीदवार बनाया. नीरज उपचुनाव जीत गए. वह 2009 में दूसरी बार बलिया के सांसद बने.


बलिया लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024


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बलिया लोकसभा सीट पर सातवें चरण में, 01 जून को मतदान होना है. चुनाव आयोग की ओर से बलिया लोकसभा चुनाव के परिणाम 04 जून 2024 को घोषित किए जाएंगे.


बलिया लोकसभा क्षेत्र की जानकारी


बलिया उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है. इस सीट के दायरे में बलिया के तीन (फेफना, बलिया नगर और बैरिया) और गाजीपुर के दो विधानसभा क्षेत्र (जहूराबाद और मोहम्मदाबाद) आते हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में फेफना, बैरिया और मोहम्मदाबाद सीट पर सपा ने जीत दर्ज की थी. बलिया नगर में बीजेपी जीती थी और जहूराबाद से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के उम्मीदवार को जीत मिली थी.


बलिया लोकसभा सीट से कौन-कौन रहा सांसद


बलिया के सांसदों की सूची
साल सांसद का नाम (पार्टी)
2019 वीरेंद्र सिंह मस्‍त (बीजेपी)
2014 भरत सिंह (बीजेपी)
2009, 2008 उपचुनाव नीरज शेखर (समाजवादी पार्टी)
2004, 1999, 1998, 1996, 1991 चंद्रशेखर (समाजवादी जनता पार्टी)
1989 चंद्रशेखर (जनता दल)
1984 जगन्नाथ चौधरी (कांग्रेस)
1980, 1977 चंद्रशेखर (जनता पार्टी)
1971, 1967 चंद्रिका प्रसाद (कांग्रेस)
1962 मुरली मनोहर (कांग्रेस)
1957 राधा मोहन सिंह (कांग्रेस)
1952 राम नगीना सिंह (सोशलिस्‍ट पार्टी)

बलिया लोकसभा सीट का जातीय समीकरण


बलिया ने अब तक के संसदीय इतिहास का आधा हिस्सा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नाम कर रखा है. जात-पात से ऊपर उठकर बलिया की जनता ने फक्कड़ स्वभाव वाले को चंद्रशेखर को संसद भेजा. वह रिकॉर्ड आठ बार बलिया के सांसद चुने गए थे. निधन के बाद उनके बेटे नीरज शेखर को भी बलिया ने आजमा कर देखा.


2014 से यहां की पब्लिक ने समाजवाद को नमस्ते करके बीजेपी का रुख किया है. बलिया की अधिकतर आबादी गांवों में बसती है. 2019 आम चुनाव में बलिया सीट पर कुल 16,74,207 वोटर्स थे. ब्राह्मण यहां पर सबसे मजबूत वोट बैंक हैं. राजपूत और यादव वोटर भी नतीजे बदलने का दम रखते हैं. मुस्लिम और भूमिहार भी प्रभावशाली हैं.