Dewas Loksabha Chunav 2024: परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद 2008 में मध्य प्रदेश की देवास लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. शाजापुर निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त कर देवास को निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया. यह क्षेत्र न केवल अपनी समृद्ध राजनीतिक विरासत के लिए जाना जाता है, बल्कि अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है.


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देवास में चामुण्डा माता और तुलजा भवानी माता के प्रसिद्ध मंदिर हैं. लोगों का मानना है कि देवी माताएं जागृत स्वरूप में यहां विराजमान हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. इसके अलावा, पंवार छत्री और मीठा तालाब के पास मौजूद पंवार छत्रीयां इतिहास में देवास नगर में मराठा साम्राज्य की उपस्थिती दर्शाती हैं


2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई सीट..
देवास सीट का इतिहास राजनीतिक उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है. 1962 में, जनसंघ के हुकम चंद कछवाई इस सीट से जीत हासिल करने वाले पहले व्यक्ति थे. 1967 से 2008 तक, यह सीट शाजापुर के नाम से जानी जाती थी. 2009 में परिसीमन के बाद, इसका नाम फिर से देवास कर दिया गया.


2009 के लोकसभा चुनाव में, कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने जीत हासिल की. 2014 और 2019 के चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार जीत हासिल की. 2014 में, मनोहर ऊंटवाल ने सज्जन सिंह वर्मा को हराया, और 2019 में, महेंद्र सोलंकी ने प्रहलाद सिंह टिपानिया को हराया.


देवास लोकसभा का इतिहास
1962- हुकम चंद कछवाई, जनसंघ
1967-2008 तक ये सीट शाजापुर के नाम से जानी जाती थी.
2009- सज्जन सिंह वर्मा, कांग्रेस
2014- मनोहर ऊंटवाल, बीजेपी
2019-  महेंद्र सोलंकी, बीजेपी


2024 का समीकरण क्या है?
देवास-शाजापुर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने वाला है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद मणि जा रही है. हालाँकि कहा जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस, लोकसभा के लिए नए चेहरे की तलाश में हैं.


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