INDIA Alliance BSP Mayawati: विपक्ष के I.N.D.I.A गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी शामिल होगी या नहीं, अभी कन्फर्म नहीं है. हालांकि बसपा को शामिल करने की डिमांड होने लगी है. पिछले दिनों दिल्ली में गठबंधन की बैठक में भी जब इस पर बात हुई तो सपा ने आपत्ति जताई थी. सपा ने कह दिया कि बसपा आएगी तो वह बाहर निकल जाएगी. अब यूपी कांग्रेस से मांग उठी है कि बसपा को भी शामिल किया जाए. दरअसल, कांग्रेस पार्टी भाजपा को 2024 में शिकस्त देने के लिए अपने तरकश में हर तीर रखना चाहती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दलित वोटरों में मायावती की पैठ को देखते हुए यूपी कांग्रेस के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि मायावती की पार्टी साथ आई तो दलित वोट मिलना आसान हो जाएगा. यूपी में 20 प्रतिशत एससी-एसटी आबादी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

60 सीटें जितवा सकती हैं मायावती?


मायावती की चर्चा चलने लगी तो बसपा के सांसद मलूक नागर ने मांग कर डाली कि पार्टी चीफ मायावती को पीएम कैंडिडेट घोषित किया जाए. उनसे पूछा गया था कि INDIA गठबंधन में शामिल होने के लिए पार्टी की क्या कोई शर्त होगी? उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हमारे पार्टी के विधायकों को ले जाने के लिए मायावती जी से माफी मांगनी चाहिए और उन्हें पीएम कैंडिडेट घोषित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस दलित फेस चाहती है तो मायावती से बेहतर कोई पीएम कैंडिडेट नहीं मिल सकता है. नागर ने कहा कि उनकी पार्टी का यूपी में 13.5 प्रतिशत वोट शेयर है. उन्होंने यह भी दावा कर दिया कि मायावती को पीएम फेस बनाया जाता है तो हम 60 से ज्यादा सीटें जीत सकते हैं.


मायावती की अपनी टेंशन


अलायंस के भीतर अभी यूपी की सीटों के बंटवारे पर मंथन चल रहा है. पिछले दिनों विपक्ष की बैठक के बाद मायावती ने सामने आकर कहा था कि भविष्य में देश में जनहित में कब किसको किसकी जरूरत पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता है. दरअसल, मायावती को भी पता है कि भाजपा के जनाधार को देखते हुए बसपा के लिए बेहतर प्रदर्शन कर पाना चुनौती होगी. पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा को 10 सीटें मिली थीं. अपने दम पर शायद इस बार उतनी सीटें न मिलें, ऐसे में बसपा भी चाहेगी कि वह गठबंधन में आकर अच्छा प्रदर्शन कर सके. 


2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. इसे करीब 40 प्रतिशत वोट मिले थे. बसपा को करीब 20 प्रतिशत, सपा को 19 और रालोद को 1.69 प्रतिशत वोट मिले थे. बसपा के बारे में देखा गया है कि वह बहुत पहले अपने उम्मीदवार घोषित कर देती है लेकिन इस बार उसने प्रभारी भी नहीं बनाए हैं. बसपा के लोग मान रहे हैं कि हो सकता है कि गठबंधन को लेकर जल्दी स्थिति साफ हो. अभी मायावती दिल्ली में हैं और लखनऊ आने पर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है. 


2022 के विधानसभा चुनाव भी बसपा के लिए बेहद निराशाजनक रहे थे. प्रदेश का मुख्यमंत्री पद संभाल चुकीं मायावती की पार्टी को मात्र 1 सीट मिली थी.