भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी जीत, BJP के इस नेता ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड; दस लाख से ज्यादा वोटों से विजयी
Shankar Lalwani Record:मध्य प्रदेश के इंदौर के मौजूदा सांसद और बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी ने बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है. शंकर लालवानी भारतीय राजनीति के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले नेता बन गए हैं. उन्होंने कुल 1008077 वोटों से जीत दर्ज की है और उन्होंने बसपा प्रत्याशी को हराया है.
Indore Lok Sabha Chunav Result: लोकसभा की सभी 543 सीटों पर मतगणना जारी है और रुझानों में एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. हालांकि, इंडिया गठबंधन भी कड़ी टक्कर दे रही है. इस बीच मध्य प्रदेश के इंदौर के मौजूदा सांसद और बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) ने बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है. शंकर लालवानी भारतीय राजनीति के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले नेता बन गए हैं. उन्होंने कुल 1008077 वोटों से जीत दर्ज की है और उन्होंने बसपा प्रत्याशी को हराया है.
10 लाख से ज्यादा वोटों से जीते लालवानी
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, इंदौर से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) को कुल 1226751 वोट मिले हैं. दूसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सोलंकी रहे. जिनको कुल 51659 वोट मिले. उन्होंने रिकॉर्ड 1008077 से जीत हासिल की है. इससे पहले यह रिकॉर्ड बीजेपी के सीआर पाटिल के नाम था, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात की नवसार सीट से 6.9 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.
इंदौर में NOTA को भी सबसे ज्यादा वोट
लोकसभा चुनाव परिणाम में इंदौर सीट से नॉन ऑफ द अबोव यानी NOTA ने भी रिकॉर्ड बनाया है. दोपहर 2 बजे तक नोटा को 2.11 लाख से ज्यादा वोट मिल चुके हैं, जो भारतीय राजनीति में रिकॉर्ड है. साल 2013 में नोटा को शामिल किए जाने के बाद से यह सबसे ज्यादा वोट है. इससे पहले यह रिकॉर्ड बिहार के गोपालगंज के नाम था, जहां साल 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटा को 51660 वोट मिले थे.
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कौन हैं शंकर लालवानी?
शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) का जन्म 16 अक्टूबर 1961 को इंदौर में हुआ था और वो आरएसएस से जुड़े हुए हैं. शंकर लालवानी ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की और फिर मुंबई से बीटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद इंदौर आकर व्यापार और कंसल्टेंसी में लग गए. इसके बाद वो राजनीति में आ गए और 1994 से 1999 तक इंदौर में पार्षद रहे.
इसके बाद 2004 तक इंदौर नगर निगम के सभापति पद पर रहे और 2013 में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए. शंकर लालवनी को 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने टिकट दिया और उन्होंने कांग्रेस के पंकज संघवी को 5.47 लाख से हरा दिया. उनके पिता जमनादास लालवानी भी आरएसएस में सक्रिय थे. वे जनसंघ पार्टी में थे और सामाजिक कामों में सक्रिय रहते थे.