Jhansi Lok Sabha Election 2024:झांसी का पुराना रिकॉर्ड रहा बरक़रार।, प्रदीप जैन आदित्य नहीं कर पाए कमाल
Jhansi Lok Sabha Chunav 2024 News: रानी लक्ष्मीबाई के कारण जिस क्षेत्र को गर्व और सम्मान से देखा जाता है, उस झांसी की सियासत ने कांग्रेस, सपा, बसपा से होते भाजपा तक लंबा रास्ता तय किया है. कभी यह कांग्रेस का गढ़ था, फिर राम लहर में भाजपा का दबदबा हो गया. हिंदू आबादी वाला इस क्षेत्र से एक बार उमा भारती भी जीतकर संसद पहुंची थीं. इस बार कांग्रेस ने प्रदीप जैन आदित्य को खड़ा किया है.
Jhansi Lok Sabha Election 2024: वीरता, साहस और आत्मसम्मान का प्रतीक है झांसी. वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का ताल्लुक यहीं से था. एक समय यह ग्वालियर रियासत का हिस्सा हुआ करता था. इस क्षेत्र ने काफी उतार-चढ़ाव देखे, कई हमले झेले लेकिन कभी यहां के लोगों ने अपने सम्मान के साथ समझौता नहीं किया. बुंदेलखंड की सियासत में झांसी लोकसभा सीट काफी अहम है. यहां सबसे ज्यादा बार कांग्रेस जीती, 6 बार भाजपा और सपा-बसपा को भी एक-एक बार मौका मिला है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के अनुराग शर्मा (Anurag Sharma BJP) ने साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से सपा-बसपा गठबंधन को हराया था. इस जीत ने झांसी सीट पर रिकॉर्ड बना दिया. ऐसे में 2024 के चुनाव में भाजपा कैंडिडेट अनुराग शर्मा के लिए उस गौरव को बरकरार रखने का मनोवैज्ञानिक दबाव होगा. कांग्रेस ने प्रदीप जैन आदित्य को टिकट दिया है.
झांसी लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
पांचवें चरण में झांसी सीट पर वोटिंग हुई. 20 मई 2024 को कुल 63.86 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. नतीजे 4 जून को आएंगे.
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उमा भारती को झांसी लोकसभा सीट से उतारा था. वह जीतीं और केंद्र में मंत्री भी बनीं. हालांकि पिछले चुनाव में उन्हें मौका नहीं मिला. फिर भी सीट भाजपा के पास ही रही. तब खबर आई थी कि उमा भारती टिकट न मिलने से नाराज थीं. खैर, यह बीते दिनों की बात है.
हिंदू आबादी ज्यादा
झांसी लोकसभा सीट में झांसी और ललितपुर जिले की पांच विधानसभाएं शामिल हैं. ललितपुर महरौनी और ललितपुर के अलावा झांसी से बबीना, मऊरानीपुर और सदर सीट है. हाल के चुनावों में पूरे इलाके में भगवा परचम लहराया. कुशवाहा, ब्राह्मण, कोरी और साहू जाति के वोटर अच्छी तादाद में हैं.
भाजपा vs सपा फाइट
हां, पिछले दोनों चुनावों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि यहां सीधे तौर पर मुकाबला भाजपा और सपा में रहता है. तीसरे नंबर पर कभी बसपा तो कभी कांग्रेस रही है. विपक्ष ने INDIA गठबंधन तो बनाया लेकिन बसपा इसमें शामिल नहीं है. ऐसे में अब कांग्रेस और सपा को मिलकर बीजेपी का मुकाबला करना है. (पढ़ें झांसी का इतिहास)
1952 | रघुनाथ विनायक धुलेकर | कांग्रेस |
1957 | सुशीला नैय्यर | कांग्रेस |
1962 | सुशीला नैय्यर | कांग्रेस |
1967 | सुशीला नैय्यर | कांग्रेस |
1971 | गोविंद दास रिछारिया | कांग्रेस |
1977 | सुशीला नैय्यर | जनता पार्टी |
1980 | विश्वनाथ शर्मा | कांग्रेस |
1984 | सुजान सिंह बुंदेला | कांग्रेस |
1989 | राजेंद्र अग्निहोत्री | भाजपा |
1991 | राजेंद्र अग्निहोत्री | भाजपा |
1996 | राजेंद्र अग्निहोत्री | भाजपा |
1998 | राजेंद्र अग्निहोत्री | भाजपा |
1999 | सुजान सिंह बुंदेला | कांग्रेस |
2004 | चंद्रपाल सिंह यादव | सपा |
2009 | प्रदीप जैन आदित्य | कांग्रेस |
2014 | उमा भारती | भाजपा |
2019 | अनुराग शर्मा | भाजपा |
देखें: झांसी में कहां-कहां घूम सकते हैं आप
झांसी लोकसभा सीट के बारे में जान लीजिए
- इस लोकसभा क्षेत्र में झांसी जिले का कुछ हिस्सा और पूरा ललितपुर जिला शामिल है. यही वजह है कि मौजूदा सांसद अनुराग शर्मा अपने ट्विटर बायो में सांसद झांसी एवं ललितपुर लिखते हैं.
- हार्वर्ड बिजनस स्कूल से पढ़े अनुराग शर्मा बैद्यनाथ आयुर्वेद समूह के डायरेक्टर भी हैं.
- 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां एससी वोटर 24 प्रतिशत यानी करीब 5 लाख हैं.
- ST वोटर 2.7 प्रतिशत यानी करीब 55 हजार हैं.
- झांसी सीट के 65 प्रतशत वोटर ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं. शहरी वोटर 35 प्रतिशत (7 लाख से ज्यादा) हैं.
- 2019 लोकसभा चुनाव के समय झांसी सीट पर कुल 20 लाख 40 हजार वोटर थे.