Lok Sabha Election: जब कार की बोनट पर बैठ प्रचार करने निकले जवाहरलाल नेहरू, किस्सा पहले लोकसभा चुनाव का
Kissa Kursi Ka Lok Sabha Chunav: देश में लोकसभा चुनाव 2024 करीब हैं. हम `किस्सा कुर्सी का` सीरीज में आपको अब तक के चुनावों के कुछ रोचक किस्से लेकर आए हैं. इसमें आपको पता चलेगा पहले लोकसभा चुनाव से लेकर बाद के वर्षों में कैसे वोट डाले गए और कैसे चुनाव प्रचार होता था. आज पढ़िए पहले आम चुनाव 1951-52 पर आधारित दिलचस्प किस्सा.
First Lok Sabha Election 1951 News: आज के समय में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार में आगे वाली सीट से हाथ हिलाते, गेट खोले खड़े होकर लोगों का अभिवादन करते देखते हैं. पीएम अब रैलियों में खुली जीप में भी जाने लगे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले लोकसभा चुनाव में जवाहरलाल नेहरू कार की बोनट पर बैठकर रैली करने निकल पड़ते थे. जी हां, खतरा कम होने के कारण तब सुरक्षा का इतना तामझाम नहीं होता था. देश में 1951-52 में पहले आम चुनाव कराए गए थे. दुनिया की नजरों में भारत तब एक बड़ा प्रयोग कर रहा था. यह प्रयोग लोकतांत्रिक उत्सव का था. पहले आम चुनाव के आयोजन का था.
खुली कार में खड़े होकर निकले नेहरू
पहले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) के समय की कुछ झलकियां 'फिल्म प्रभाग' के वीडियो में दिखाई देती हैं. एक सीन में तत्कालीन कांग्रेस प्रेसीडेंट पंडित नेहरू खुली कार में खड़े होकर लोगों के बीच जाते दिखाई देते हैं. दूसरे सीन में वह कार में बोनट पर आगे बैठकर जनता का अभिवादन कर रहे होते हैं. रास्ते में दोनों तरफ लोग खड़े होकर उनका वेलकम कर रहे थे. आजादी के बाद हो रहे पहले चुनाव में लाखों की संख्या में भीड़ नेताओं को सुनने के लिए उमड़ती थी. एक सीन में दिखाई देता है कि लोग अपने चहेते नेता को सुनने के लिए खंभे पर चढ़ गए.
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे चुनाव में
यह वीडियो भारत के चुनाव आयोग के यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है. इसमें बताया जाता है कि नेहरू अपनी रैलियों में कह रहे कि यह मायने नहीं रखता कि आप किसे वोट दे रहे हैं, जरूरी ये है कि आप वोट करें. उस चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी के बड़े नेता जयप्रकाश नारायण, कृषक मजदूर प्रजा पार्टी के दिग्गज नेताओं के अलावा जनसंघ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और कम्युनिस्ट पार्टियों के नेताओं ने ताबड़तोड़ रैलियां की थीं.
...और हिमाचल में डाला गया पहला वोट
25 अक्टूबर 1951 को पहला वोट हिमाचल प्रदेश में डाला गया. 21 साल की उम्र के हर शख्स को वोट देने का अधिकार था. महिला-पुरुष, जवान और बुजुर्ग हर कोई वोट देने जा सकता था. चुनाव को लेकर उत्सुकता इतनी थी कि बीमार और कमजोर बुजुर्गों को भी चारपाई पर लाया गया था. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में यह पहला इलेक्शन था. कई देशों से प्रतिनिधि भारत के इस प्रयोग को देखने आए थे और 3 महीने से ज्यादा समय तक चले चुनाव को देख वे हैरान रह गए. कांग्रेस की लहर थी. पंडित जवाहरलाल नेहरू चुनाव जीत गए. कांग्रेस को 45 प्रतिशत वोट मिले थे. (स्रोत- फिल्म प्रभाग वीडियो)