Ladakh Result 2024: लद्दाख में मौजूदा सांसद का टिकट काटना बीजेपी को पड़ा भारी! इस निर्दलीय ने मार ली बाजी
Ladakh Election 2024 Result: लद्दाख में मौजूदा सांसद का टिकट काटना बीजेपी को भारी पड़ गया. लेह से खड़े हुए दो बुद्धिस्ट उम्मीदवारों के मुकाबले में कारगिल के एक नेता निर्दलीय चुनाव लड़कर असल किंग बन गए.
Ladakh Lok Sabha Chunav 2024 Result: लद्दाख लोकसभा सीट पर बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. इस सीट पर बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर ताशी ग्यालसन को टिकट दिया था. लेकिन वे निर्दलीय मोहम्मद हनीफा के हाथों चुनाव हार गए. इलेक्शन रिजल्ट में हनीफा ने 65 हजार वोट हासिल किए. जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार सेरिंग नामग्याल रहे. उन्हें 37 हजार वोट हासिल हुए. वहीं बीजेपी उम्मीदवार ताशी ग्यालसन 31 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे.
कांग्रेस के टिकट न देने पर निर्दलीय लड़े
मोहम्मद हनीफा नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व नेता रहे हैं. पार्टी छोड़ने के बाद वे कांग्रेस से जुड़ गए थे. इस बार वे लद्दाख लोकसभा सीट से दावेदारी कर रहे थे. लेकिन कांग्रेस ने उनके बजाय सेरिंग नामग्याल को टिकट दे दिया, जिसके बाद वे नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतर गए और विरोधियों को बड़े अंतर से हरा दिया. हनीफा से पहले पिछले दस साल से यह सीट बीजेपी के कब्जे में थी.
एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार होने से बन गया काम
लद्दाख लोकसभा सीट में लेह और कारगिल दो जिले आते हैं. लेह में जहां बुद्धिस्ट बहुमत में हैं, वहीं कारगिल में शिया मुसलमान बहुतायत में हैं. इस बार बीजेपी और कांग्रेस, दोनों पार्टियों ने लेह से बुद्धिस्ट उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. इनके विरोध में कारगिल से मोहम्मद हनीफा निर्दलीय उतर गए. उनके पीछे कारगिल के तमाम मुस्लिम वोटर लामबंद हो गए, जबकि लेह के मतदाता दो प्रत्याशियों के बीच में बंट गए. जिसके चलते सीट उनके हाथ से निकल गई.
उम्मीदवार बदलने से बीजेपी को हुआ नुकसान
बीजेपी ने 2019 में जामयांग त्सेरिंग नामग्याल को टिकट दिया दिया, जिन्होंने पार्टी को यहां बड़ी जीत दिलाई थी. हालांकि पार्टी कार्यकर्ताओं से दूरी की वजह से पिछले कुछ अरसे से उनका विरोध हो रहा था. ऐसे में पार्टी ने रिस्क न लेते हुए जामयांग का टिकट काटकर ताशी ग्यालसन को अपना उम्मीदवार बना दिया. इस घटना से आहत जामयांग ने शुरुआत में बगावती तेवर दिखाए थे. हालांकि बाद में समझाने- बुझाने पर वे मान गए और पार्टी के फेवर में प्रचार शुरू किया. हालांकि तब तक जो नुकसान होना था, वह हो चुका था और पिछले 10 से बीजेपी के पास रही लद्दाख सीट उससे निकल गई.