BSP Behan Ji App: लोकसभा चुनाव में अब करीब 3 महीने का समय बचा है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं. इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी सक्रिय हो गई है. बसपा अब मायावती के जन्मदिन पर 15 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के 'नमो ऐप' की तर्ज पर 'बहन जी ऐप' लॉन्च करने जा रही है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बीएसपी यूपी के सभी 75 जिलों में जनसभा का आयोजन करेगी.


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BSP के 'बहन जी' ऐप में क्या होगा खास?


बसपा का 'बहन जी' ऐप पीएम नरेंद्र मोदी के 'नमो' ऐप के तर्ज पर बना है. पार्टी इसको बीएसपी अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन पर लॉन्‍च करेगी. बताया जा रहा है कि ऐप के जरिए युवाओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले बसपा का लक्ष्य पार्टी में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है. बीएसपी चुनाव में फर्स्ट टाइम वोटर्स के जरिए जीत हासिल करना चाहती है.


यूपी के सभी 75 जिलों में जनसभाओं का आयोजन


इसके साथ ही मायावती के जन्मदिन पर 15 जनवरी को बसपा उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जनसभाओं का आयोजन करेगी. इस जनसभाओं में बसपा यूपी की जनता को पार्टी की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देगी. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए इन जनसभाओं का आयोजन कर रही है.


क्या इंडिया गठबंधन से समझौता करेगी बसपा


इंडिया गठबंधन में शामिल होने के सवाल पर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि इस बारे में कोई भी फैसला बहन जी (मायावती) ही लेंगी. हम लोग तो बस एक कार्यकर्ता भर हैं. पार्टी में सारे निर्णय बहन जी ही लेती हैं. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि मायावती पहले ही अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं तो उन्होंने कहा कि अगर हमारी नेता ने कह दिया है कि हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी तो हम सब पार्टी कार्यकर्ता पूरे दम खम के साथ अकेले चुनाव मैदान में उतरेंगे और चुनाव जीत कर दिखाएंगे.


मायावती का अखिलेश यादव पर कटाक्ष


बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्हें अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी है. अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर जो तंज कसा था वो अब उन्हीं पर भारी पड़ती नजर आ रही है. अपनी विश्वसनीयता पर अखिलेश यादव की तरफ से सवाल खड़े किए जाने को लेकर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने उन पर निशाना साधा है. मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'अपनी सरकार की दलित विरोधी आदतों, नीतियों और कार्यशैली से मजबूर एसपी अध्यक्ष को बीएसपी पर तंज कसने से पहले अपने गिरेबां में झांककर देख लेना चाहिए कि उनका दामन बीजेपी को बढ़ाने और उनसे मेलजोल के मामले में कितना दागदार है.'



मायावती ने आगे लिखा, 'तत्कालीन एसपी प्रमुख द्वारा बीजेपी को संसदीय चुनाव जीतने से पहले और बाद में आशीर्वाद दिए जाने को कौन भुला सकता है. बीजेपी सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से एसपी नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है. ऐसे में एसपी साम्प्रदायिक ताकतों से लड़े तो यह उचित होगा.'