Election General Knowledge in Hindi: देश में लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. इस बार भी देश में 7 चरणों चुनाव होने जा रहे हैं और नतीजा 4 जून को आएगा. पहले चरणों की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. जैसे-जैसे पहले फेज की वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे- वैसे देश में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होती जा रही है. देश में रह रहे मतदाता भी इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक महापर्व का आनंद लेने से पीछे नहीं हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि विदेश में रह वोटर भी चुनावों में वोटिंग कर सकते हैं, लेकिन कैसे. आज हम आपको चुनावों से जुड़े ऐसे ही अनेक सवालों का सटीक जवाब हम देने जा रहे हैं.  


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सवाल: मैंने हाल में अपना घर दूसरी जगह शिफ्ट किया है. मेरा वोटर पुरानी जगह वाला बना हुआ है. मैं उसे नए पते पर चेंज कैसे करवाऊं. 


जवाब: अगर आपका नया पता उसी पुराने निर्वाचन क्षेत्र के अंदर है तो आपको फॉर्म 8ए भरना चाहिए वरना आप फॉर्म 6 भरें. इसके बाद आप उस भरे हुए फॉर्म को अपने नए एरिया के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर- असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के पास जमा करवा दें. 


सवाल: मैंने अपना पुराना वोटर कार्ड खो दिया है. मैं अब नया वोटर कार्ड कैसे बनवा सकता हूं. 


जवाब: इसके लिए आपको ऑनलाइन या थाने में जाकर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवानी होगी. इसके बाद उस एफआईआर की एक प्रति के साथ फॉर्म- 8 भरकर अपने एरिया के इलेक्टोरल ऑफिसर के पास जमा करवाना होगा. इसके बाद वह ऑफिसर पुराने कार्ड को कैंसल कर देगा और नया कार्ड इश्यू कर देगा. 


सवाल: वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए आधार की डिटेल लिखनी अनिवार्य है. क्या इसके बिना वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ सकता. 


जवाब: वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए फॉर्म में आधार की डिटेल भरना पूरी तरह ऐच्छिक है. अगर कोई आवेदक यह डिटेल नहीं भरता है तो अधिकारी उसका फॉर्म कैंसल नहीं कर सकता. ऐसे में उसे अपनी पहचान से जुड़े दूसरे कागजात की डिटेल फॉर्म में भरनी होगी. 


सवाल: क्या कोई व्यक्ति एक से अधिक जगहों पर अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकता है. 


जवाब: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 के तहत कोई व्यक्ति एक से ज्यादा स्थानों पर अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं करवा सकता. इसके लिए उसे आवेदन वाले फॉर्म में हस्ताक्षर कर यह घोषणा करनी पड़ती है कि उसका नाम पहले से ही किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल नहीं है. अगर जांच में यह घोषणा झूठी पाई जाती है तो उसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत दंडित किया जा सकता है.


सवाल: मतदाता सूची में किसी व्यक्ति का नाम शामिल करने पर कौन आपत्ति कर सकता है?


जवाब: कोई भी व्यक्ति जो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, वह इस आधार पर मतदाता सूची में नाम शामिल करने पर आपत्ति कर सकता है कि जिस व्यक्ति का नाम शामिल किया गया है या शामिल करने का प्रस्ताव है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के योग्य नहीं है. इसके लिए उसे संबंधित प्रमाण के साथ फॉर्म 7 भरकर अपने एरिया के इलेक्टोरल ऑफिसर के पास जमा करवाना पड़ता है. 


सवाल: क्या विदेशी भूमि पर बसा कोई अनिवासी भारतीय भारत में मतदाता सूची का मतदाता बन सकता है?


जवाब: हां, लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम, 2010 की धारा 20 ए के प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति जो भारत का नागरिक है और जिसने किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल नहीं की है. अगर वह अपने रोजगार, शिक्षा या किसी अन्य कारण से भारत से बाहर रह रहा है तो अपने भारत में मूल पते पर मतदाता बनने के लिए आवेदन कर सकता है. ऐसी स्थिति में इलेक्टोरल ऑफिसर उसकी जांच करेगा और इन्वेस्टिगेशन में पात्र पाए जाने पर उसका नाम वोटर लिस्ट में जोड़ देगा. 


(नोट: ये जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट से संकलित की गई है.)