Ummeda Ram Beniwal: बाड़मेर में आरएलपी छोड़कर आए उम्मेदाराम बेनीवाल पर कांग्रेस को भरोसा, जानिए लोकप्रियता का राज
Ummeda Ram Beniwal Social Score: उम्मेदाराम बेनीवाल पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में थे और हनुमान बेनीवाल के करीबी माने जाते थे. अब आरएलपी और उसके नेता को छोड़कर कांग्रेस में आ गए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में उनका मुकाबला भाजपा के कैलाश चौधरी और निर्दलीय उम्मीदवार रविन्द्र सिंह भाटी से है.
Ummeda Ram Beniwal Profile: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान की सबसे हॉट सीट बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है. यह सीट तब और अधिक चर्चा में शामिल हो गया, जब आरएलपी के स्तंभ माने जाने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल कांग्रेस में शामिल हो गए. उम्मेदाराम के कांग्रेस में शामिल होने से बाड़मेर जिले का राजनीतिक समीकरण काफी प्रभावित हुआ है. इस बीच 'जी न्यूज' ने चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे राजनेताओं का सोशल स्कोर निकाला है. इसी सिलसिले में यहां हम उम्मेदाराम बेनीवाल के बारे में बात करने वाले हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काफी पॉपुलर हैं उम्मेदाराम बेनीवाल
उम्मेदाराम बेनिवाल राजस्ठान की राजनीति के बड़े और जाने-पहचाने चेहरा हैं. उनका नाम जाट समुदाय के दिग्गज नेताओं में आता है. उम्मेदराम बेनीवाल सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते हैं. सोशल मीडिया ऐप फेसबुक पर उनके सबसे ज्यादा फॉलोवर्स हैं. फेसबुक पर उम्मेदाराम को 277K से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. वहीं एक्स ( पहले ट्विटर) पर उनके 75.9K से ज्यादा फॉलोअर हैं. इंस्टाग्राम पर उन्हें करीब 147K लोग फॉलो करते हैं.
राजनीति में आने से पहले थे पुलिस कांस्टेबल, बिजनेस में भी आजमाया हाथ
उम्मेदाराम बेनीवाल का जन्म बाड़मेर के तला गांव में हुआ है. 46 वर्षीय कांग्रेस नेता उम्मेदाराम किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वो अपने क्षेत्र में सहज-सरल व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं. राजनीति में आने से पहले वो दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल थे. इसके बाद उन्होंने अपना बिजनेस भी शुरू किया था. 2018 में वो आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल के संपर्क में आए और इसके बाद उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरूआत की.
दो बार लड़ा विधानसभा चुनाव, दोनों बार कांग्रेस उम्मीदवार से ही हारे
उम्मेदराम बेनीवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख चेहरा थे. बाड़मेर में आरएलपी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही है. उन्होंने पहला चुनाव 2018 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के टिकट पर बायतू विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था. इस चुनाव में वो कांग्रेस के हरीश चौधरी से 13803 वोटों से हार गए. 2023 विधानसभा चुनाव में रालोप ने दोबारा उन्हें बायतू विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया, जिसमें उम्मेदाराम को 75911 वोट मिले. जबकि कांग्रेस के हरीश चौधरी के पाले में 76821 मत आए. इस चुनाव में भी उम्मेदाराम को महज 910 वोट से हार का सामना करना पड़ा.
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने जताया भरोसा, त्रिकोणीय संघर्ष
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उम्मेदाराम बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया. बेनीवाल के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी की उम्मीदों को काफी बल मिला है. कांग्रेस उम्मीद जता रही है कि इस बार का नतीजा उनके प्रत्याशी उम्मेदाराम के पक्ष में आ सकता है. हालांकि, निर्दलीय उम्मीदवार रवींद्र सिंह भाटी ने चुनावी संघर्ष तो त्रिकोणीय कर दिया था.
डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.