Loksabha Chunav: मिलिंद देवड़ा ने खोल दिया राज, एकनाथ शिंदे के आशीर्वाद से मुंबई दक्षिण से लड़ेंगे चुनाव
मिलिंद देवड़ा मुंबई साउथ से जीते थे. वह 2024 के आम चुनाव में भी वहीं से लड़ना चाहते थे लेकिन विपक्षी INDIA गठबंधन में उद्धव गुट ने वहां से दावा जता दिया था जिससे देवड़ा नाराज चल रहे थे. इसी वजह से उन्होंने चुनाव से ठीक पहले शिंदे सेना का दामन थाम लिया. लेटर में उन्होंने वजह भी बता दी.
Milind Deora Mumbai South: ऐसे समय में जब 2024 का लोकसभा चुनाव करीब है, बहुत से समीकरण उसी के इर्द-गिर्द साधे जाएंगे. नया साल शुरू होते ही जब कांग्रेस के एक दिग्गज युवा नेता का इस्तीफा हुआ तो उसकी वजह तलाशी जाने लगी. कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ मुंबई के युवा चेहरे मिलिंद देवड़ा आखिर एकनाथ शिंदे की शिवसेना में क्यों शामिल हुए? इसका जवाब मिलिंद के उस लेटर में ही छिपा है, जो उन्होंने अपने फैसले के बाद हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में लिखा है. उन्होंने पहली लाइन में लिखा कि प्रिय मतदाताओं, समर्थकों और शुभचिंतकों, मेरे लिए यह बताना जरूरी है कि मैंने कांग्रेस से अलग होने और सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के साथ जुड़ने का फैसला क्यों किया? कांग्रेस में सुधारों और जवाबदेही में सुस्ती के साथ गांधी परिवार की बात करते हुए उन्होंने आखिर के पैराग्राफ में इस बात संकेत दिया है कि उनका मकसद क्या है.
'संसद में उपयोग...'
हां, पहले वो पैराग्राफ पढ़ लीजिए. मिलिंद ने लिखा है, 'कांग्रेस के साथ परिवार के 55 साल से चले आ रहे राजनैतिक रिश्तों के बाद, मेरा अलग होने का फैसला बहुत ही भावुक करने वाला है. मैं ऐसे नेता के साथ काम करना चाहता हूं जो रचनात्मक विचारों को महत्व देता है, मेरी क्षमताओं को पहचानता है. देश और राज्य की उन्नति के लिए संसद में मेरा उपयोग करना चाहते हैं. एकनाथ शिंदे जी मेरी क्षमताओं पर विश्वास करते हैं और इस बात का प्रतीक हैं कि मेहनत से असंभव काम भी संभव हो सकता है.'
आखिर की दो लाइनों से साफ संकेत मिलता है कि मिलिंद देवड़ा ने लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी संभावनाएं सेट होने के बाद ही इतना बड़ा फैसला लिया. वह शिंदे गुट की तरफ से साउथ मुंबई से चुनाव लड़ सकते हैं. दरअसल, वह मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और वहां उनका अच्छा खासा प्रभाव है. 2019 के चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था.
मुंबई का कल्याण...
उन्होंने लिखा भी है कि 20 साल के बाद भी, मेरी प्रबल इच्छा है कि मैं मुंबई, महाराष्ट्र और भारत के लिए सार्थक काम करूं. मुंबई मेरी कर्मभूमि है और भारत मेरी मातृभूमि. मुंबई के लोगों का कल्याण मेरे लिए राजनीतिक संबद्धताओं से परे है, जो मुझे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय की ओर ले जाता है. मेरा उद्देश्य है कि मैं अपने अनुभव, ज्ञान और काबिलियत का इस्तेमाल करके हर धर्म, जाति और आर्थिक स्थिति के लोगों की सेवा करूं, जैसा कि मैंने हमेशा अपने राजनीतिक जीवन में किया है. मिलिंद देवड़ा ने अपने लेटर में बार-बार बेहतर मुंबई की बात की है.
साउथ मुंबई सीट ही क्यों?
दरअसल, देवड़ा मुंबई साउथ से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, जहां से वह पहले भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. हालांकि दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने दावा कर दिया था. इसके बाद देवड़ा नाराज चल रहे थे. दक्षिण मुंबई में उनका घर भी है. 2024 के आम चुनाव में भाजपा के एनडीए के खिलाफ बने विपक्षी मोर्चा के तहत महाराष्ट्र में कांग्रेस सहयोगी उद्धव शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में सीट शेयरिंग के समय उसे कई सीटों का त्याग करना ही पड़ेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने भी कहा है कि देवड़ा दक्षिण मुंबई से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उधर, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि अरविंद सावंत दो बार के सांसद हैं. उनके फिर से चुनाव लड़ने में क्या गलत है? इस पर कोई समझौता नहीं होगा.
मोदी लहर में दो बार हारे देवड़ा
हां, मिलिंद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में साउथ मुंबई सीट पर शिवसेना के अरविंद सावंत से हारे. सावंत इस समय उद्धव ठाकरे गुट में हैं. दक्षिण मुंबई सीट के तहत विधानसभा की छह सीटें आती हैं.