Indore News: लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश का इंदौर निर्वाचन क्षेत्र अक्षय कांति बम की वजह से अब भी सुर्खियों में बना हुआ है. ऐन वक्त पर पाला बदलकर अक्षय ने इंदौर में कांग्रेस के साथ खेला कर दिया. अब सवाल उठ रहे हैं कि अक्षय को ऐसी कौन सी डील मिली कि उन्होंने मतदान के कुछ दिन पहले कांग्रेस की उम्मीदवारी छोड़ दी और अपना नाम वापस ले लिया. वे अचानक भाजपा के साथ कैसे हो गए?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जो आदमी 15 लाख की घड़ी पहनता है..


इस सवाल के जवाब में कारोबारी अक्षय कांति बम ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने किसी भी सौदे से इंकार करते हुए सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने इस आरोप को खारिज किया है कि वह किसी ‘सौदे’ के तहत पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए हैं. बम ने कहा, ‘आज की तारीख में मेरे पास क्या है और क्या नहीं है, वह सब पहले से जाहिर है. जो आदमी 15 लाख की घड़ी पहनता है, उसे कोई व्यक्ति किसी सौदे में क्या देगा.’ उन्होंने कांग्रेस नेताओं के इस आरोप पर प्रतिक्रिया जताते हुए यह बात कही कि वह किसी ‘सौदे’ के तहत भाजपा में गए हैं. इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरने के दौरान पेश हलफनामे में बम ने कुल 55.28 करोड़ रुपये की अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा दिया था, जिसमें उन्होंने अपनी कलाई घड़ी की कीमत 14.05 लाख रुपये बताई थी.


बम ने कांग्रेस के आरोपों को नकारा


बम ने कांग्रेस नेताओं के इस आरोप को भी नकारा कि उन्होंने चुनावी हार के डर से भाजपा का दामन थामा है. उन्होंने कहा कि वह पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान इंदौर के क्षेत्र क्रमांक-4 से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, जिसे इस पार्टी के लिए सूबे की सबसे मुश्किल सीट में गिना जाता है. बम ने कहा, ‘अगर कोई व्यक्ति ऐसी मुश्किल सीट से चुनाव लड़ना चाहता था, तो यह कहना बेमानी है कि उसके मन में (चुनावी हार का) कोई डर है.’


कांग्रेस से तोड़ लिया नाता


इंदौर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने पीड़ित पक्ष की अर्जी पर बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद में 17 साल पहले एक व्यक्ति पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का 24 अप्रैल को संज्ञान लिया था. जेएमएफसी ने पिता-पुत्र को एक सत्र अदालत के समक्ष 10 मई को पेश होने का आदेश भी दिया था. इस आदेश के महज पांच दिन बाद बम ने इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस लेने का कदम उठाया था. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका वकील संबंधित मामले में धारा 307 जोड़े जाने को लेकर सत्र न्यायालय के सामने तय तारीख को उनका पक्ष रखेगा.


भाजपा के लिए करने लगे प्रचार


बम ने भाजपा कार्यालय में मंगलवार (30 अप्रैल) को पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में सूबे के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ हिस्सा लिया. पालाबदल के बाद वह विजयवर्गीय के साथ भाजपा के अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं. बम ने कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे. इसके साथ ही भाजपा का मजबूत गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस की चुनावी चुनौती समाप्त हो गई, जहां वह पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है.