DNA: काशी में मोदी का नामांकन..सबका `साथ`, सबका `विश्वास`! ये मोदी का 24 का `DEMO` है?
PM Modi Nomination: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन भरा है. 24 का चुनाव दो तिहाई निपट चुका है. सिर्फ़ तीन चरण और हैं, कुल जमा 21 दिन बचे हैं. 4 जून की सबको बेचैनी है कि हैट्रिक लगेगी या नहीं?
PM Modi Nomination: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन भरा है. 24 का चुनाव दो तिहाई निपट चुका है. सिर्फ़ तीन चरण और हैं, कुल जमा 21 दिन बचे हैं. 4 जून की सबको बेचैनी है कि हैट्रिक लगेगी या नहीं? 400 पार होगा या नहीं? देश किसकी गारंटी लेगा? कोई नया ताना-बाना तो नहीं बुनेगा? ऐसी चर्चाओं के बीच PM मोदी ने अपनी ताकत का जो DEMO दिया है, उससे विपक्षी खेमे में जरूर हलचल मची होगी.
वाराणसी में मोदी की ताकत
पूरे देश ने वाराणसी की सड़कों पर लोकसभा उम्मीदवार मोदी का शक्ति प्रदर्शन देखा था. ये 6 किलोमीटर का रोड शो था जो रात को काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर खत्म हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी ने आज तीसरी बार वाराणसी से चुनाव नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर उनके साथ बीजेपी के बड़े नेता तो थे ही, पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक NDA में बीजेपी के जितने भी सहयोगी हैं, उन सबके प्रतिनिधि मोदी के साथ थे.
मां गंगा की पूजा
चुनावों में इस तरह के प्रदर्शन की क्या वैल्यू के बारे में आपको बताते हैं. राजनीति में जमावट तो सभी करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के हर स्टेप में क्यों कोई मैसेजिंग होती है, वाराणसी से आई तस्वीरे में यह साफ देखने को मिला. प्रधानमंत्री ने 2014 और 2019 की तरह इस बार भी नामांकन के शुभ कार्य की शुरूआत मां गंगा की पूजा-अर्चना से की. मोदी सुबह साढ़े 9 बजे दशाश्वमेघ घाट पहुंचे, जहां 6 पंडितों ने षोडशोपचार विधि से उन्हें 20 मिनट तक गंगा पूजन कराया. आज गंगा सप्तमी थी. पूजा संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री ने गंगा आरती की.
काल भैरव मंदिर भी पहुंचे
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी क्रूज़ पर सवार हुए और दशाश्वमेघ घाट से नमो घाट तक गये. गंगा में क्रूज़ चलवाने का श्रेय उन्हें ही जाता है. नमो घाट वाराणसी का सबसे नया घाट है. इन दो तस्वीरों के ज़रिये लोगों को सांसद मोदी के काम का एक ट्रेलर दिखा. इसके बाद प्रधानमंत्री काल भैरव मंदिर पहुंचे. काशी की परंपरा है कि कोई भी शुभ कार्य काशी कोतवाल की अनुमति से शुरू होता है. काल भैरव के लिये मंगलवार का दिन विशेष होता है. यहां 5 ब्राह्मणों ने प्रधानमंत्री से पूजा करवाई. इस पूजा में भी संदेश था कि काशी की परंपरा और हिन्दू मान्यताएं उनके लिये महत्वपूर्ण हैं. और इसके बाद की तस्वीरें काशी नहीं, बल्कि दिल्ली की बिसात और 543 सीटों की चुनावी सियासत के लिये अहम थीं.
पीएम मोदी ने नेताओं से की मुलाकात
काल भैरव मंदिर से निकलने और कलेक्ट्रेट जाने के बीच प्रधानमंत्री का समय NDA नेताओं से मुलाकात का था. उनके नामांकन के लिये बीजेपी के लगभग सभी सहयोगी दलों के प्रमुख नेता वाराणसी पहुंचे थे. सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया. इसके बाद प्रधानमंत्री नामांकन दाखिल करने कलेक्ट्रेट के लिये निकले. पीएम मोदी के मेगा रोड की तरह इस छोटे रोड शो में कोई झंडे-बैनर या नारों का शोर नहीं था... लेकिन इसमें मैसेजिंग थी कि देश की हर दिशा से, हर राज्य से वहां के राजनीतिक क्षत्रप मोदी के साथ हैं, मोदी में उनका विश्वास हैं. और वो इस बात पर एकमत हैं कि मोदी के नेतृत्व में ही सबको साथ लेकर चला जा सकता है. इनमें चिराग पासवान थे, तो पशुपति पारस भी थे, जिन्हें सीट समझौते में कुछ नहीं मिला, फिर भी मोदी के साथ एकजुट दिखे.
पीएम मोदी की सोशल मैसेजिंग
पॉलिटिकल मैसेजिंग के बाद अब मोदी की सोशल मैसेजिंग भी देखने को मिली. प्रधानमंत्री ने पिछली दो बार की तरह इस बार भी अपने प्रस्तावकों के नाम से 'सबका साथ' वाली फिलॉस्फ़ी को प्रमोट किया. मोदी के एक प्रस्तावक राम मंदिर का मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ थे. नामांकन का शुभ मुहूर्त भी उन्होंने ही निकाला था. दूसरे प्रस्तावक संजय सोनकर थे जो दलित वर्ग से आते हैं. तीसरे प्रस्तावक बैजनाथ पटेल और चौथे लालचंद कुशवाहा थे. ये दोनों OBC से आते हैं. ये तीनों ही प्रस्तावक वाराणसी में बीजेपी के कोई बहुत रसूख वाले नेता नहीं, बल्कि निचले स्तर पर काम करने वाले ज़मीनी कार्यकर्ता हैं.
...NDA एकजुट है
करीब 50 मिनट कलेक्ट्रेट में रहने के बाद प्रधानमंत्री जब 38 दलों वाले NDA के साथ बाहर निकले, तब तक सियासी संदेश स्पष्ट कर चुके थे कि NDA एकजुट है, एक-मत है... जो खुद साथ चलते हैं, वहीं देश को साथ लेकर चल सकते हैं. ..ना कि INDI अलायंस.. जिसका SIZE क्या है, नहीं पता, SHAPE क्या है नहीं पता और LEADER कौन है, वो भी नहीं पता. NDA के इस DEMO में विपक्षी दलों के उन दावों का भी जवाब था, जिसमें कहा जा रहा है कि 4 जून को मोदी सराकर 400 पार तो क्या 200 भी पार नहीं कर पाएगी. जिसमें दावे किये जा रहे हैं कि सरकार के खिलाफ़ एक अंडर करंट काम कर रहा है. हांलाकि आज का शक्ति प्रदर्शन देखकर भी विपक्षी दल इसी दावे पर कायम हैं.