PM Modi Oath Ceremony: पीएम नरेंद्र मोदी अब से कुछ ही देर में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके अलावा एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सिर्फ देश के विभिन्न दलों के नेता ही नहीं बल्कि विदेशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हैं. शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और राष्ट्रपति भवन में नेताओं का जमावड़ा लग चुका है. 7 बजकर 15 मिनट पर शपथ ग्रहण होगा. 


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इस बार विभिन्न दलों, विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के अलावा समाज के साधारण तबके से आने वाले लोगों को भी न्योता दिया गया है. इस फेहरिस्त में एमसीडी वर्कर, संसद के निर्माण कार्यों में लगे मजदूर और ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग शामिल हैं. 



पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में एमसीडी वर्कर सीमा भी पहुंची हैं. उन्होंने कहा, हमें बहुत खुशी महसूस हो रही है. पहली बार किसी ने हम एमसीडी वर्कर्स के बारे में सोचा है. पीएम मोदी ने तो सफाई कर्मचारियों के पैर भी धोए हैं. जब पूछा गया कि शपथ ग्रहण का कार्ड मिला तो कैसा लगा. इस पर सीमा ने कहा, 'एक अलग सी खुशी महसूस हुई कि हम भी कुछ हैं. इस खुशी को बयां नहीं कर सकते.'


इसके अलावा नई संसद के निर्माण में शामिल रहे एक वर्कर अनिल कुमार सिंह भी शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे. उन्होंने कहा, मैं झारखंड से हूं. मैं बहुत खुश हूं क्योंकि पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करूंगा. 



इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को भी राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह का न्योता दिया गया है. इनमें से एक ने हा, ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अब पीएम मोदी के राज में अपने अधिकार मिल रहे हैं. पीएम मोदी ने ट्रांसजेंडर के अधिकारों को सपोर्ट किया है.



किन मेहमानों ने की शिरकत


शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे सहित भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के शीर्ष नेता रविवार को दिल्ली पहुंचे. मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और उनके भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे भी समारोह के लिए दिल्ली पहुंचे, जहां मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के साथ लगातार तीसरी बार शपथ लेंगे. बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ शनिवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे. विदेशी नेताओं में मुइज्जू की यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह भारत और मालदीव के बीच संबंधों में जारी तनाव के समय हुई है. पिछले साल 17 नवंबर को राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू की यह पहली भारत यात्रा है.