Mohan Bhagwat On Reservation: लोकसभा चुनाव के बीच तमाम सियासी नेताओं की सुई आरक्षण पर आकर अटक गई हैं. बीजेपी-कांग्रेस दोनों एक-दूसरे पर आरक्षण छीनने की मंशा का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने भी आरक्षण पर संघ का पक्ष रखा है. मोहन भागवत ने कहा कि संघ परिवार ने कुछ समूहों को आरक्षण देने का कभी विरोध नहीं किया है. संघ का मानना है कि आरक्षण तब तक दिया जाना चाहिए जब तक कि इसकी जरूरत है.


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आरक्षण पर मोहन भागवत की टिप्पणी


आरक्षण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच छिड़े वाकयुद्ध पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने टिप्पणी की. इससे पहले पिछले साल नागपुर में मोहन भागवत ने कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव है तब तक आरक्षण दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि भेदभाव समाज में व्याप्त है, भले ही यह दिखाई नहीं देता है.


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आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगा सकता


मोहन भागवत के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आरक्षण पर बात की. अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी निराधार झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. बीजेपी की सरकार इस देश में 10 साल से चल रही है और दोनों बार पूर्ण बहुमत की सरकार रही है. अगर बीजेपी की मंशा होती कि आरक्षण को खत्म करना है, तो हो चुका होता. बल्कि नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी भाई-बहनों को गारंटी दी है कि जब तक बीजेपी है, आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगा सकता है.


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कांग्रेस ने OBC आरक्षण में की कटौती


अमित शाह ने आगे कहा कि मैं आज देश की जनता को कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा SC-ST और OBC के आरक्षण पर हमले किए हैं. कर्नाटक में उनकी सरकार आई तो 4 प्रतिशत अल्पसंख्यक आरक्षण किया, किसका कोटा काटा? OBC के आरक्षण में कटौती की गई. आंध्र प्रदेश में उनकी सरकार आई, वहां भी उन्होंने 5 फीसदी अल्पसंख्यक आरक्षण किया. मैं देश की जनता को फिर से 'मोदी की गारंटी' की याद दिलाना चाहता हूं कि जब तक बीजेपी राजनीति में है SC-ST और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को कुछ नहीं होने देगी, ये मोदी की गारंटी है.


इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि कांग्रेस संविधान को बदलना चाहती है और धर्म आधारित आरक्षण के लिए दलितों, ओबीसी से आरक्षण का लाभ छीनना चाहती है. कांग्रेस 'कर्नाटक मॉडल' को पूरे देश में लागू करना चाहती है, जिसमें मुसलमानों को ओबीसी के 27 प्रतिशत कोटे में शामिल किया गया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सामाजिक न्याय की हत्या करने की कसम खा रखी है.


(इनपुट- भाषा)