Nawada Lok Sabha Chunav Result 2024: दक्षिण बिहार के सबसे खूबसूरत इलाके नवादा को पुराने समय में नव आबाद कहा जाता था. यही बाद में अपभ्रंश होकर नवादा हो गया. एक खूबसूरत जिला, शहर और लोकसभा क्षेत्र नवादा में पौराणिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व के कई सारे पर्यटन स्थल हैं. खुरी नदी के उत्तर और नेशनल हाइवे-31 के दक्षिण बसे नवादा लोकसभा सीट के सियासी समीकरण पर जातीय मुद्दा हमेशा हावी रहा है. साल 1957 में स्वतंत्र तौर पर नवादा लोकसभा सीट बना था. इससे पहले गया पूर्व एससी के रूप में इसकी पहचान थी.


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सामान्य सीट रहने पर नवादा ने भूमिहार जाति के सांसद ही चुने


नवादा के उत्तर में नालंदा, दक्षिण में झारखंड का कोडरमा जिला, पूरब में शेखपुरा और जमुई और पश्चिम में गया स्थित है. नवादा को एलियट मार्केट बाजार के नाम से भी जाना जाता रहा है. नवादा लोकसभा क्षेत्र छह विधानसभा सीटों बरबीघा, रजौली, हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर और वारिसलीगंज से मिलकर बना है. इनमें एक बरबीघा विधानसभा क्षेत्र प्रशासनिक तौर पर शेखपुरा जिले का हिस्सा है. 1962 से लेकर 2009 तक नवादा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित था. सामान्य सीट रहने पर नवादा में भूमिहार जाति के सांसद ही चुने गए.


नवादा लोकसभा क्षेत्र की डेमोग्राफी और जातीय समीकरण


डेमोग्राफी की बात करें तो 2011 के जनगणना के अनुसार, नवादा लोकसभा क्षेत्र की आबादी 22,19,146 है. इनमें पुरुषों की आबादी 11,44,668 है. वहीं महिलाओं की संख्या 10,74,478 है. नवादा की साक्षरता दर 59.76 प्रतिशत है. इस लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां यादव और भूमिहार वोटर्स सबसे ज्यादा हैं. इस सीट पर इन दोनों जातियों के वोट का प्रतिशत 30-30 है.  इसके अलावा एससी-एसटी समुदाय के वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं. यहां ब्राह्मण और मुस्लिम वोटर्स भी हैं.


नवादा लोकसभा सीट पर आधी आबादी का महज दो बार प्रतिनिधित्व 


नवादा लोकसभा सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या करीब आधी है. यहां से दो बार महिला सांसद रही हैं. पहली बार 1957 में कांग्रेस की सत्यभामा देवी इस सीट से महिला सांसद बनीं.  41 साल बाद राजद की मालती देवी ने 1998 में नवादा से जीत हासिल की. नवादा में छिट-पुट नक्‍सली हरकतें होती रही हैं. उसके खिलाफ समय-समय पर ऑपरेशन चलाए जाते रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में नवादा सीट से लोजपा के चंदन सिंह ने 52.6 फीसदी वोटों के साथ जीत हासिल की थी. उनके मुकाबले में राष्ट्रीय जनता दल की विभा देवी 36.9 फीसदी वोट पाकर दूसरे नंबर पर रही थीं.


बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे में नवादा की सीटों पर महागठबंधन आगे 


बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे में नवादा लोकसभा की गोविंदपुर, नवादा और रजौली में उम्मीदवारों की जीत हुई थी. वहीं, हिसुआ में कांग्रेस, वारसलीगंज में भाजपा और शेखपुरा जिले की बरबीघा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इस हिसाब से देखा जाए तो नवादा लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन का दबदबा है. जबकि लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो 2009 से इस सीट पर एनडीए का कब्जा है. इस बार अभी तक किसी गठबंधन ने सीटों के समझौते पर उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है.


लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ा मुद्दा बन रहा है स्थानीय और बाहरी का सवाल


नवादा लोकसभा क्षेत्र में इस बार बाहरी उम्मीदवार और सांसद होने को लेकर स्थानीयता का मुद्दा आगे बढ़ रहा है. राजनीतिक पार्टियों से स्थानीय उम्मीदवार देने की मांग की जा रही है. ऐसा नहीं होने पर सियासी खामियाजा भुगतने की चेतावनी तक दी जा रही है. दूसरी ओर, सभी राजनीतिक दलों में संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट इतनी लंबी है कि उनके चयन के लिए आला कमान को मुश्किल हो रही है. 


नवादा लोकसभा क्षेत्र से चुने गए सांसदों की सूची


1952* ब्रजेश्वर प्रसाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (गया-पूर्व-एससी के रूप में)
1952: राम धनी दास, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (गया-पूर्व-एससी)
1957: सत्यभामा देवी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957: राम धनी दास, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: राम धनी दास, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: सूर्य प्रकाश पुरी, स्वतंत्र
1971: सुखदेव प्रसाद वर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: नथुनी राम, भारतीय लोक दल
1980: कुंवर राम, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984: कुंवर राम, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: प्रेम प्रदीप, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
1991: प्रेम चंद राम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
1996: कामेश्वर पासवान, भारतीय जनता पार्टी
1998: मालती देवी, राष्ट्रीय जनता दल
1999: डॉ. संजय पासवान, भारतीय जनता पार्टी
2004: वीरचंद्र पासवान, राष्ट्रीय जनता दल
2009: डॉ भोला सिंह, भारतीय जनता पार्टी
2014: गिरिराज सिंह, भारतीय जनता पार्टी
2019: चन्दन सिंह , लोक जनशक्ति पार्टी