पहले हाजीपुर गंवाने पर निकला गुस्सा, फिर पद छोड़ा...क्या INDIA में नहीं गली पशुपति पारस की दाल?
Pashupati Paras: पशुपति पारस ने साफ कर दिया है कि वे एनडीए के साथ बने रहेंगे और पीएम मोदी का निर्णय ही उनके लिए सर्वमान्य है. उन्होंने यह भी एनडीए चार सौ से ज्याद सीटें जीतकर आएगी.
Lok Janshakti Party News: राजनीति गजब की चीज है, कब कौन पलट जाए कोई नहीं कह सकता है. अब बिहार के एक और नेता का हृदय परिवर्तन हो गया है, ये कोई और नहीं बल्कि पशुपति पारस हैं जिन्होंने कुछ ही दिन पहले मोदी मंत्रिपमंडल से इस्तीफा दे दिया था यह कहते हुए कि उनको उचित सम्मान नहीं मिला है. उस समय चिराग पासवान को अधिक सीटें दे दी गई थी जबकि पशुपति पारस को कोई सीट नहीं मिली थी. अब वही पशुपति पारस बदल गए हैं और उन्होंने साफ किया है कि वे एनडीए में ही रहेंगे. लेकिन यह सब कैसे हुआ? क्या पशुपति पारस की इंडिया ब्लॉक में दाल नहीं गली है. यह समझने की जरूरत है.
असल में पशुपति पारस ने ट्विटर पर लिखा है कि हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है. माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी हमारे भी नेता हैं और उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है. उनके नेतृत्व में एनडीए पूरे देश में 400 से ज्यादा सीट जीतकर तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी.
चिराग इंतजार करते रहे और..
जब रामबिलास पासवान का निधन हुआ था तो पार्टी दो फाड़ में बंट गई थी. चिराग पासवान को पीएम मोदी और बीजेपी की तरफ से प्रेम मिलता रहा लेकिन जब राजनीतिक शक्ति देने की बारी आई तो पशुपति पारस को केंद्र में मंत्री बनाया गया. चिराग इंतजार करते रहे लेकिन अब जब चुनाव पास आया तो चिराग को उनकी शक्ति वापस लौटाई गई और सीट बंटवारे में उनके हिस्से में उनके मन मुताबिक सीटें आईं और पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी गई. इतना ही नहीं हाजीपुर सीट के लिए उन्होंने जोर लगाया लेकिन एक भी सीट उन्हें नहीं मिली.
अब ऐसा क्या हुआ कि..
इसके बाद ऐसा लगा कि पशुपति पारस इंडिया गठबंधन के साथ चले जाएंगे. उन्होंने बकायदा मंत्री पद से इस्तीफा दिया और यह भी कहा कि अगर उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया तो वे अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन अब ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने यू टर्न ले लिया. उन्होंने ना सिर्फ यह कहा कि वे पीएम के साथ हैं बल्कि उन्होंने पीएम के साथ एक तस्वीर भी शेयर की और कहा कि पीएम मोदी जो भी निर्णय लेंगे वह उन्हें मान्य होगा. अब देखना होगा कि उनके हिस्से में कौन सी शक्ति दी जाती है.