साउथ से निकलेगा मोदी के `मिशन 400` का रास्ता, दक्षिण का दुर्ग जीतने का मेगाप्लान
Loksabha Chunav: दक्षिण में कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी लोकसभा चुनाव में सबसे ताकतवर दिख रही है. 2014 में बीजेपी को 17 सीटें मिली थीं और 43 प्रतिशत वोट. 2019 में ये आंकड़े बढ़ गए. सीट मिली 25 और वोट 52 प्रतिशत.
PM Modi South Mission: दक्षिण भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धुआंधार दौरा शुरू हो चुका है. अगले 5 दिनों तक पीएम मोदी दक्षिण भारत के 5 बड़े राज्यों के दौरे पर हैं. तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक. इन पांच राज्यों में पीएम चुनावी रथ पर सवार होकर आगे बढ़ रहे हैं. इन पांच राज्यों में 129 लोकसभा सीटें हैं. और पीएम मोदी 120 घंटे में 129 सीटों को कवर करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मलकाजगिरि में शुक्रवार को रोड शो किया. लेकिन तेलंगाना से पहले पीएम तमिलनाडु और केरल गए. तमिलनाडु के कन्याकुमारी से उन्होंने दावा किया कि इस बार दक्षिण में बीजेपी की लहर चलने वाली है. ऐसी लहर...कि विपक्ष का घमंड टूट जाएगा
पीएम मोदी के मिशन साउथ के आंकड़े..
लोकसभा तारीखों के ऐलान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण से अपने चुनाव प्रचार अभियान का बिगुल फूंक दिया है....दक्षिण बीजेपी के लिए उम्मीद का सबसे बड़ा द्वार है...अगर खुला ये द्वार...तो हो सकता है सीटों का आंकड़ा 400 पार. इस उम्मीद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महज 7 घंटे या 420 मिनट के भीतर तमिलनाडु, केरल और तेलंगाना की कुल 76 लोकसभा सीटों की सियासी ज़मीन को नाप डाला...शुरुआत की तमिलनाडु के कन्याकुमारी से और...सियासी प्रत्यंचा चढ़ाकर जुबानी बाण से सत्ताधारी डीएमके-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा
कन्याकुमारी के बाद प्रधानमंत्री ने केरल के पथनमथिट्टा में बीजेपी प्रत्याशी अनिल एंटनी और अट्टिंगल से बीजेपी प्रत्याशी वी मुरलीधरन और अलापुझा के उम्मीदवार शोभा सुरेंद्रन के लिए वोट मांगे..
विरोधियों को संदेश दिया..
केरल के बाद प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के मल्काजगिरी में भव्य रोड शो करके जनसमर्थन से विरोधियों को संदेश दिया कि अबकी बार विरोधियों की राह आसान नहीं होगी. प्रधानमंत्री 15 मार्च से लेकर 19 मार्च तक दक्षिण के सियासी गढ़ में बीजेपी के कमल खिलाने के मिशन पर हैं...ये मिशन आसान नहीं है....क्योंकि कर्नाटक को छोड़कर बीजेपी को अभी तक सिर्फ तेलंगाना में ही थोड़ी सियासी ऑक्सीजन मिल पाई है...लेकिन इस बार लक्ष्य 400 पार का है...ऐसे में इस मिशन को साधने के लिए प्रधानमंत्री हर वो कोशिश करेंगे...जिससे दक्षिण के सभी राज्यों के सियासी ताले की चाबी हासिल हो सके
2024 में बीजेपी को अपना प्रदर्शन कितना बेहतर करना होगा साउथ में, इसे समझने के लिए 2019 के चुनाव नतीजे समझिए. पीएम ने केरल से अपने मिशन साउथ की शुरुआत की...उसके बाद तमिलनाडु गए. तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीट है. 2019 के चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली...वहीं वोट भी सिर्फ 4 प्रतिशत मिले
- इसी तरह केरल में 20 सीटें हैं...यहां भी बीजेपी का खाता नहीं खुला लेकिन वोट 13 प्रतिशत आए.
तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं...यहां बीजेपी के हिस्से में 4 सीटें आईं थीं...और वोट भी 20 प्रतिशत मिले थे.
- आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें हैं...2019 में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली ती और वोट भी सिर्फ 1 प्रतिशत था. यानी साउथ के सभी राज्यों में सबसे खराब प्रदर्शन बीजेपी का आंध्र प्रदेश में ही रहा.
- लेकिन कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें जीतकर 2019 में बीजेपी ने आंध्र-केरल और तमिलनाडु की कसर पूरी कर दी....लेकिन इस बार तो पीएम मोदी ने टारगेट ही 400 का रखा है और इसके लिए ज़ीरो से काम नहीं चलेगा...सीटों के नंबर बढ़ाने होंगे और सीटों के नंबर तभी बढ़ेंगे जब वोट बढ़ेंगे.
क्या बीजेपी के वोट साउथ में बढ़ रहे हैं...या घट रहे हैं और कांग्रेस का क्या हाल है.
तमिलनाडु: साल 2014 में बीजेपी को तमिलनाडु में 1 सीट मिली थी...और 6 प्रतिशत वोट मिले थे. साल 2019 में सीट भी घट गई और वोट भी...ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 में AIADMK के साथ बीजेपी का गठबंधन था. AIADMK को 37 सीटें मिली थीं. लेकिन 2019 में AIADMK का भी सफाया हो गया. वोट शेयर भी 45 से 19 प्रतिशत पर पहुंच गया. वहीं, कांग्रेस और DMK का 2014 में खाता नहीं खुला था लेकिन 2019 में बाजी पलट गई. कांग्रेस को 8 और DMK को 24% वोट मिले.
केरल: अब केरल का चुनाव परिणाम देखिए. 2014 और 2019 दोनों ही चुनावों में बीजेपी का खाता नहीं खुला. लेकिन वोट 10 प्रतिशत से 13 प्रतिशत हो गए. वहीं कांग्रेस को 2014 में 8 सीट मिली थी...2019 में 15 सीट हो गई. वोट प्रतिशत में भी 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ. वहीं सीपीआईएम 2014 के मुकाबले में 2019 में सीटों के लिहाज से नुकसान में रही. आज पीएम केरल में भी थे.
तेलंगाना: साल 2014 में बीजेपी को एक सीट मिली थी और 10 प्रतिशत वोट मिले थे. लेकिन 2019 में बीजेपी को 20 प्रतिशत वोट मिले और 4 सीटें मिली. वहीं, कांग्रेस को 2014 में 2 सीट मिली थी और 2019 में 3 सीटें मिलीं. वोट भी 5 प्रतिशत बढ़ गए. इस बार तो विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की है. तो उसे तेलंगाना से इस बार ज्यादा ही उम्मीद है. रही बात TRS की जिसे अब BRS के नाम से जाना जाता है. तो उसे 2014 में 11 सीट मिली थी और 2019 में 9 सीटें मिली...राज्य में TRS की सत्ता जा चुकी है. हालात कुछ अच्छे नहीं दिख रहे.
आंध्र प्रदेश: अब आंध्र प्रदेश की ओर देखिए. 2014 में बीजेपी को 2 सीट मिली थी और 9 प्रतिशत वोट मिले थे...लेकिन 2019 में सिर्फ एक प्रतिशत वोट मिला और सीट आई जीरो. 2014 में बीजेपी को इसलिए फायदा हुआ था क्योंकि टीडीपी के साथ मिलकर उसने चुनाव लड़ा था. लेकिन 2019 में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े. दोनों को नुकसान हुआ. TDP 15 सीट से 3 सीट पर खिसक गई. हालांकि उसका वोट 11 प्रतिशत बढ़ा.
वहीं कांग्रेस की हालत लगातार वहां खराब हो रही है. 12 प्रतिशत वोट से 2 प्रतिशत वोट पर आ गई है कांग्रेस. और YSR कांग्रेस 2014 में 8 सीट से 2019 में 22 सीटों पर पहुंच गई और वोट शेयर भी 50 प्रतिशत का रहा.
कर्नाटक: दक्षिण में कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी लोकसभा चुनाव में सबसे ताकतवर दिख रही है. 2014 में बीजेपी को 17 सीटें मिली थीं और 43 प्रतिशत वोट...2019 में ये आंकड़े बढ़ गए. सीट मिली 25 और वोट 52 प्रतिशत. लेकिन कांग्रेस 2014 में 9 सीटों पर थी जो 2019 में घटकर 1 पर आ गई. और जेडीएस 2 सीटों से एक सीट पर आ गई. इस बार बीजेपी और जेडीएस के बीच गठबंधन है और बीजेपी को उम्मीद है कि NDA गठबंधन 25 की 25 सीटें जीत लेगी.
तमिलनाडु (39 सीट)
2014 2019
सीट वोट सीट वोट
बीजेपी 1 6% 0 4%
कांग्रेस 0 4% 8 8%
DMK 0 24% 24 24%
AIADMK 37 45% 0 19%
- केरल (20 सीट)
2014 2019
सीट वोट सीट वोट
बीजेपी 0 10% 0 13%
कांग्रेस 8 31% 15 37%
CPI(M) 5 22% 1 26%
- तेलंगाना (17)
2014 2019
सीट वोट सीट वोट
बीजेपी 1 10% 4 20%
कांग्रेस 2 25% 3 30%
TRS 11 35% 9 42%
- आंध्र प्रदेश (25)
2014 2019
सीट वोट सीट वोट
बीजेपी 2 9% 0 1%
कांग्रेस 0 12% 0 2%
YSR कांग्रेस 8 45% 22 50%
TDP 15 29% 3 40%
- कर्नाटक (25)
2014 2019
सीट वोट सीट वोट
बीजेपी 17 43% 25 52%
कांग्रेस 9 41% 1 32%
जेडीएस 2 11% 1 10%
दक्षिण के पांच राज्य और 129 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में कौन आगे है, कौन पीछे...बड़ी पिक्चर क्या है...इसे देखिए. साल 2014 में बीजेपी को 21 सीट मिली और 2019 में 29 सीटें. यानी 8 सीटों की बढ़त. इसी तरह कांग्रेस के पास 2014 में 19 सीटें थीं और 2019 में बढ़कर 27 सीटें हो गईं. कांग्रेस को भी 8 सीटों की बढ़त हासिल हुई लेकिन बीजेपी से दो सीटें कम रहीं. ये तो सीट की बात हुई, अब वोट की बात कर लेते हैं.
साल 2014 में दक्षिण के इन पांच राज्यों में बीजेपी को 16 प्रतिशत वोट मिले थे. 2019 में बीजेपी का वोट बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया. लेकिन कांग्रेस 2014 में भी 22 प्रतिशत वोट पर थी और 2019 में भी वहीं रही.
मोदी का 'दक्षिण परिवार'
तमिलनाडु- अन्नामलाई, आर सरथ कुमार(AISMK)
आंध्र प्रदेश- चंद्रबाबू नायडू (TDP),पवन कल्याण( जनसेना)
कर्नाटक- येदियुरप्पा, कुमार स्वामी( JDS)
तेलंगाना- बंडी संजय कुमार , जी किशन रेड्डी
केरल- राजीव चंद्रशेखर, अनिल एंटनी, वी मुरलीधन
बीजेपी का गठबंधन 'गणित'
एक तरफ मोदी और उसके बाद जिनके नाम उनकी इमेज के साथ उनकी पार्टी को रखें ...
आंध्र प्रदेश
चंद्रबाबू नायडू(TDP) + पवन कल्याण( जनसेना)
कम्मा समुदाय कापू
25%) आबादी 15%
चुनौती- दोनों जातियां एक दूसरे की विरोधी
......
कर्नाटक
येदुयुरप्पा (BJP) + कुमारस्वामी(JDS)
लिंगायत समुदाय वोक्कालिगा
17% आबादी 12%
37-80 विधानसभा पर असर 50-55
तेलंगाना
बीजेपी+ कोई गठबंधन नहीं
दक्षिण का ओपिनियन पोल
तमिलनाडु (39)
पार्टी सीट
I.N.D.I.A. 36
NDA 01
AIADMK 02
OTH 00
केरल (20)
पार्टी सीट
I.N.D.I.A. 20
NDA 00
OTH 00
तेलंगाना (17)
पार्टी सीट
CONG 09
BJP 05
BRS+ 02
AIMIM 01
OTH 00
आंध्र प्रदेश (25)
पार्टी सीट
YSRCP 12
NDA 13
OTH 00
कर्नाटक (28)
पार्टी सीट
NDA 23
I.N.D.I.A 05
OTH 00