Priyanka Gandhi on PM Narendra Modi: सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी का एक भाषण वायरल है. उन्होंने मुरैना की रैली में जिस तरह पीएम नरेंद्र मोदी के आरोपों का जवाब दिया, उसकी चर्चा हो रही है. कई पत्रकारों, कांग्रेस सपोर्टरों और आम लोगों ने वीडियो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है. दरअसल, प्रियंका ने एक ही भाषण में विरासत कर, परिवारवाद, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी को लेकर लगाए जा रहे आरोपों, देशभक्ति समेत कई मुद्दों पर भाजपा को सुनाया है. सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस पर हमलावर रही है. पीएम मोदी लगातार कह रहे कि इंदिरा गांधी से विरासत में मिली संपत्ति के लिए राजीव गांधी ने विरासत कर कानून खत्म कर दिया. प्रियंका मुरैना में पिता को याद कर भावुक हो गईं. उन्होंने अपने पिता के पार्थिव शरीर के टुकड़े घर लाने का जिक्र करते हुए पीएम पर निशाना साधा. 


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प्रियंका का वो भाषण पढ़िए


'19 साल की उमर में जब मैं अपने शहीद पिता जी के टुकड़े घर लाई तो मैं नाराज थी इस देश से. मैं नाराज थी. मेरे दिल में ये भावना थी. मैंने अपने पिता को भेजा. तुम्हारा काम था सुरक्षित रखना. मैंने अपने पिता को हिफाजत से तुम्हारे पास भेजा और तुमने मुझे ये टुकड़े लौटा दिए मुझे. और वो टुकड़े देश के झंडे में लपेटे हुए थे. मैं नाराज थी. मैं समझती हूं शहादत का क्या मतलब है. (लोगों ने तालियां बजाईं और नारे भी लगाए) (श्रीपेरंबुदूर में 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली में महिला आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी)


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आज मैं 52 साल की हूं. पहली बार मैंने ये चीज सार्वजनिक ऐसे मंच पर कही है. लेकिन वो जो नाराजगी थी मेरी. आस्ते-आस्ते मैं समझी कि उस तरह की नाराजगी सिर्फ उससे होती है जिससे प्रेम करते हैं हम. मेरे देश के लिए मेरे दिल में कितना प्रेम है. (यह कहते प्रियंका भावुक हो गईं) मैं कैसे समझाऊं. 


जब मोदी जी मंच पर खड़े होकर मेरे पिता को देशद्रोही बोलते हैं. जब मोदी जी कहते हैं कि मेरे पिता जी ने कोई कानून बदल दिया अपनी मां से विरासत में लेने के लिए. तो मेरे दिल में (लोगों के नारों का शोर बढ़ गया)... तो मोदी जी इस बात को समझ नहीं पाएंगे कि मेरे पिताजी को विरासत में धन-दौलत नहीं मिली, मेरे पिताजी को विरासत में शहादत की भावना मिली. (राजीव गांधी की मां और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को दिल्ली में उनके घर पर दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी)


आप समझ सकते हैं. इस देश के किसान हों. इस देश की मिट्टी आपने सींची है अपने पसीने से. अपने-अपने बेटे भेजे हैं सरहद पर. जब आपके बेटे शहीद होते हैं इस देश के लिए तो मैं जानती हूं कि आपके दिल में क्या भावना है क्योंकि वही भावना मेरे दिल में है. 


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जब पुलवामा हुआ


जो पुलवामा के शहीद हैं. जब पुलावामा हुआ. उनमें से कुछ परिवार यूपी के थे. उस समय मैं यूपी में थी. मैं गई उनके घर. और ज्यादातर परिवारों ने क्या बताया? जो बच्चे थे उन्होंने कहा कि दीदी, हमें भी सेना में भर्ती होना है. एक लड़की थी. उसका भाई एयरफोर्स में था, उसने कहा कि दीदी, मैं पायलट बनूंगी. यही है शहादत की भावना. ये भावना मोदी जी नहीं समझ सकते. (जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को एक आत्मघाती हमलावर के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए थे).


हमें मार डालें लेकिन...


जो मोदी जी इंदिरा गांधी जैसी एक शहीद के बारे में उल्टी-सीधी बातें करते हैं. जो मोदी जी इस भावना को देखकर सिर्फ परिवारवाद देखते हैं लेकिन देशभक्ति नहीं देखते, देश की सेवा नहीं देखते. वो इस भावना को नहीं समझ सकते... मैं आपको कहने आई हूं. हमें देशद्रोही कहें. हमें घर से निकाल दें. मेरे भाई को संसद से निकाल दिया. हम पर केस डाले. मेरे भाई पर इतने केस डाल दिए कि कभी इधर कभी उधर. कभी गुजरात कभी बिहार में जाता है वह कचहरी. वह जाएगा. कुछ भी कर लें. मार डालें लेकिन ये भावना कोई हमारे दिल से नहीं निकाल सकता.'



मुरैना में पीएम ने क्या कहा था


पीएम मोदी ने पिछले हफ्ते मुरैना रैली में आरोप लगाया था कि राजीव गांधी ने सत्ता में आने के बाद विरासत कर को खत्म कर दिया था ताकि उन्हें उनकी मां से विरासत में मिली संपत्ति पर कर न लगे. उन्होंने कहा था कि पहले मृतक की आधी संपत्ति कानूनन सरकार के पास चली जाती थी. प्रधानमंत्री ने कहा था, 'तब चर्चा थी कि इंदिराजी ने अपनी संपत्ति की वसीयत अपने बेटे राजीव गांधी के नाम कर दी थी. सरकार को मिलने वाले पैसे को बचाने के लिए, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विरासत कर को समाप्त कर दिया.' कांग्रेस ने मोदी के दावे का खंडन किया.