Rahul Gandhi: वायनाड में बीजेपी इतना खुश क्यों है, क्या इस बार फंस गई राहुल गांधी की सीट?
Wayanad Kerala Muslim Population: जोश से लबरेज भाजपा इस बार केरल की वायनाड सीट पर काफी आश्वस्त दिख रही है. अपने प्रदेश अध्यक्ष को उतारने के साथ नामांकन के दिन ही स्मृति ईरानी वहां पहुंचीं. उन्होंने हिंदी में भाषण देते हुए कांग्रेस पर हमला बोला था. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्या राहुल गांधी की यह सीट फंस चुकी है.
Rahul Gandhi Wayanad Visit: अमेठी से हारे राहुल गांधी इस बार भी केरल की वायनाड सीट से चुनाव मैदान में हैं. आज से वह दो दिन के केरल दौरे पर रहेंगे. वायनाड में रैली है. शाम को कोझिकोड में गठबंधन के लिए वोट मांगेंगे. गौर करने वाली बात यह है कि इस बार वायनाड लोकसभा सीट पर बीजेपी काफी कॉन्फिडेंट दिख रही है. भाजपा ने केरल के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को यहां से उतारा है. INDIA गठबंधन बनने के बावजूद राहुल गांधी को लेफ्ट कैंडिडेट से चुनौती मिल रही है. ऐसे में यहां के अल्पसंख्यक वोटरों को लेकर कांग्रेस की मुश्किल थोड़ी बढ़ सकती है. अगर ऐसा होता है तो भाजपा को फायदा हो सकता है, जैसा बाकी सीटों पर समीकरण देखा जाता है.
3 जिले की 7 विधानसभा
केरल की वायनाड लोकसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी. तीन जिले की 7 विधानसभा सीटें इसमें शामिल हैं. अकेले वायनाड जिले की बात करें तो यहां 40 प्रतिशत जंगल है और आदिवासी आबादी 31 फीसदी है. 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 8.17 लाख से ज्यादा है. ST आबादी 18 प्रतिशत और एससी 4 प्रतिशत हैं.
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अब राहुल गांधी की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि सीपीआई INDIA गठबंधन में है फिर भी यहां से पार्टी के महासचिव डी राजा की पत्नी एनी राजा को उतारा गया है. ऐसे में वायनाड का सियासी समीकरण दिलचस्प हो गया है. राहुल गांधी ने पिछली बार सीपीआई कैंडिडेट को 4.3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.
4 सीटों का हाल
वायनाड लोकसभा सीट में शामिल तीन विधानसभा क्षेत्र मलप्पुरम जिले के हैं, जहां मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा है. हां, मलप्पुरम में 70 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. कोझिकोड जिले की एक विधानसभा सीट वायनाड में आती है, जहां 56 प्रतिशत हिंदू और 39 प्रतिशत मुस्लिम हैं. इस तरह से देखें तो वायनाड जिले से बाहर की चार विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी ही जीत हार में अहम भूमिका निभाती है. इस लोकसभा सीट पर अल्पसंख्यक आबादी का असर साफ देखा जाता है.
मुस्लिम वोटर के पास है जीत की चाबी
- पूरी लोकसभा सीट का समीकरण देखें तो वायनाड की सभी सात असेंबली सीटों पर हिंदू, मुस्लिम और ईसाई की आबादी है.
- आबादी का औसत निकालें तो यह सीट को अल्पसंख्यक बहुल बनाता है. यहां मुस्लिम आबादी 45.5 प्रतिशत, ईसाई 12.5 प्रतिशत हैं. इस तरह से अल्पसंख्यक आबादी मिलकर 58 प्रतिशत हो जाती है
- वायनाड सीट पर हिंदू आबादी 41.5 प्रतिशत है. अब अगर भाजपा को सीट जीतनी है तो उसे हिंदू वोट एकतरफा हासिल करना होगा, साथ ही कांग्रेस के बेस वोटरों में लेफ्ट ने गहरी सेंध लगा ली तो राहुल गांधी की राह मुश्किल हो सकती है. कांग्रेस और लेफ्ट की आपसी फाइट देखकर ही शायद भाजपा खुश है.
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