Lok Sabha Chunav Maharashtra: सियासत में बहुत सी बातें इशारों में बोल दी जाती हैं. किसी का नाम लेने की जरूरत नहीं पड़ती. यही किया शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने जिन्होंने एक तीर से महाविकास अघाड़ी (MVA) के घटक दलों की बेचैनी बढ़ा दी. दरअसल दिल्ली में महाराष्ट्र के विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक प्रस्तावित है. 29 दिसंबर को समन्वय समिति की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी (BJP) को रोकने के लिए सीट शेयरिंग पर चर्चा होनी है. इससे पहले राउत ने मानो अपने नेता की तरफ से 'ब्रहास्त्र' चला दिया है. दरअसल संजय राउत का बयान ऐसा है कि वो कांग्रेस के नेताओं को चुभ सकता है. समझदार को इशारा ही काफी होता है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान अब क्या फैसला लेगा या कैसी प्रतिक्रिया देगा, ये देखना दिलचस्प होगा.


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'गांव खेड़ के लोग राष्ट्रीय स्तर की बात करेंगे तो उनकी बात कौन सुनेगा'


मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने धुआंधार बैटिंग की. मुंबई कांग्रेस के नेताओं को सोच समझकर बोलने की नसीहत दी. इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को भी अपने नेता की मंशा से अवगत करा दिया. शिवसेना (यूबीटी) के पत्ते खोलते हुए राउत से साफ कर दिया कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से कम से कम 23 पर चुनाव लड़ेगी और इससे नीचे उसे कुछ मंजूर नहीं होगा. लोकसभा चुनावों को लेकर महाविकास अघाड़ी और 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगियों में सीटों का बंटवारा कैसे होगा? इसके जवाब में राउत ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हमारी बात हो रही है. राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और वेणुगोपाल से हमारी बात हो रही है. बड़े नेताओं से उद्धव ठाकरे लगातार संपर्क में हैं. हम कितनी सीट पर लड़ेंगे वो कितनी सीट पर लड़ेगी? ये फैसला दिल्ली में होगा. यहां गांव खेड़ के लोग राष्ट्रीय स्तर की बात करेंगे तो उनकी (संजय निरुपम) बात कौन सुनेगा'. 


ये बात तो खड़गे और राहुल गांधी को भी अच्छी न लगेगी!


संजय राउत ने कहा, 'हमने हमेशा से कहा है कि महाराष्ट्र में हम 23 सीटों पर चुनाव लड़ते आए हैं, हमारी वह सीटें कायम रहेंगी बस इतना ही कहा ना. बैठक में हमारी बात हुई थी कि जीती थी हुई सीटों पर बाद में बात की जाएगी. उसमें तो कांग्रेस आती ही नहीं कांग्रेस ने महाराष्ट्र में उतनी सीट ही नहीं जीती. कांग्रेस को महाराष्ट्र में जीरो से शुरू करना है. उसके बावजूद हम मानते हैं कि महाविकास आघाड़ी का कांग्रेस एक महत्वपूर्ण दल है. हम सभी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे. दिल्ली से कांग्रेस के हाई कमान को उससे कोई तकलीफ नहीं और अगर यहां वहां कोई कुछ कहता है तो उसे सुनने की जरूरत नहीं.'


'आपकी पार्टी तो न टूटे हुए भी चुनाव हार गई'


सुप्रिया सुले ने भी महाराष्ट्र की सियासत पर बयान दिया था उसे लेकर राउत ने कहा, सुप्रिया सूले ने जो कहा वो बिल्कुल सही है. अब आप देखिए सत्ता-पैसा और पावर का खुसा दुरुपयोग हो रहा है. फिलहाल तो हम सब स्ट्रगल कर रहे हैं, लेकिन 2024 में सत्ता परिवर्तन करके दिखाएंगे. ममता बनर्जी का बयान आया है कि बंगाल में गठबंधन का नेतृत्व वो करेंगी. TMC बंगाल में सबसे बड़ी पार्टी है. वहां गठबंधन को उनके साथ बैठकर फैसले लेने होंगे. वैसे ही शिवसेना महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है. तो जब कुछ लोग कहते हैं शिवसेना टूट गई यह तय करने वाले आप लोग कौन होते हैं. अगर कोई यह बात कहता है कि हमारी पार्टी टूट गई तो यह गलत है आपकी पार्टी तो न टूटे हुए भी चुनाव हार गई. ये कहते हुए भी राउत ने कांग्रेस को सीधा टारगेट किया है.


एक अनार सौ बीमार?


क्या 'I.N.D.I.A. गठबंधन' के नेताओं में पीएम कैंडिडेट बनने की होड़ लगी है? इंडिया गठबंधन के सभी नेता अपने-अपने नेताओं को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार क्यों बता रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए राउत ने कहा, 'इस तरह की बात गलत है. नैरेटिव फैलाना गलत है. नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और राहुल गांधी सब कह चुके हैं कि उन्हें ऐसी कोई इच्छा नहीं है. मल्लिकार्जुन खड़गे और उद्धव ठाकरे ने भी यही कहा. ये सब BJP की IT सेल की फैलाई बाते है. राहुल गांधी की नई यात्रा को भी मैं बहुत ही पॉजिटिव तरीके से देखता हूं जिसमें वो करीब 6000 Km पैदल चलने वाले हैं. राहुल गांधी लोकप्रिय नेता हैं. वह झूठ नहीं बोलते. वह एक चेहरा है, एक प्रामाणिक व्यक्ति हैं. प्रधानमंत्री बनने के लिए यही गुण चाहिए अगर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा है तो उसमें गलत क्या है? देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है एक बोगस हिंदुत्ववादी और दूसरे हम देश के राष्ट्रवाद को बचाने के लिए काम कर रहे हैं.'