Kissa Kursi Ka: हां-हां हम सांप्रदायिक हैं... जब गरजते हुए संसद में बोल पड़ीं सुषमा स्वराज
Kissa Kursi Ka Sushma Swaraj: सुषमा स्वराज अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके जबर्दस्त भाषण के वीडियो अब भी खूब देखे जाते हैं. उनकी बेटी बांसुरी स्वराज इस बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. लोकसभा चुनाव के माहौल में एक वीडियो आपको देखना चाहिए जब सुषमा ने संसद में कहा था कि हां हम सांप्रदायिक हैं.
Sushma Swaraj Speech: वो तारीख थी 11 जून 1996, संसद चल रही थी. विश्वास मत पर चर्चा हो रही थी और उसका विरोध करने के लिए सुषमा स्वराज खड़ी हुईं. उन्होंने कहा था कि आज बिखरी हुई सरकार है और एकजुट विपक्ष है. क्या यह दृश्य अपने आप में जनादेश की अवहेलना की खुली कहानी नहीं कह रहा है? शोर चलता रहा. तभी स्पीकर बोल पड़े कि आप अपनी स्पीच को इतना रोचक मत बनाइए. यह सुनकर सदन में हंसी की लहर दौड़ गई. आगे सुषमा ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस देश के संविधान निर्माताओं ने धर्म निरपेक्षता की क्या कल्पना की थी और इस देश के शासकों ने इसे किस स्वरूप में ढाल दिया. इस पर बहस होनी चाहिए. अध्यक्ष जी हम सांप्रदायिक हैं?
सुषमा ने आगे कहा- हां, हां, हां... हां हम सांप्रदायिक हैं क्योंकि हम वंदे मातरम गाने की वकालत करते हैं.
हम सांप्रदायिक हैं क्योंकि हम राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए लड़ते हैं.
हम सांप्रदायिक हैं क्योंकि धारा 370 को समाप्त करने की मांग करते हैं. (इसे मोदी सरकार के कार्यकाल में समाप्त कर दिया गया)
हम सांप्रदायिक हैं क्योंकि हम हिंदुस्तान में गोवंश की रक्षा की वकालत करते हैं.
हां अध्यक्ष जी, हम सांप्रदायिक हैं क्योंकि हम हिंदुस्तान में समान नागरिक संहिता बनाने की बात करते हैं. (इसे भाजपा का अगला एजेंडा माना जा रहा है)
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सुषमा स्वराज जब सदन में अपना भाषण दे रही थीं, सदन में काफी शोर और हंगामा हो रहा था. लेकिन सुषमा नहीं रुकीं. उन्होंने कहा कि हम सांप्रदायिक हैं अध्यक्ष जी, क्योंकि हम कश्मीरी शरणार्थियों के दर्द को जबान देने की बात करते हैं.
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तीन हजार सिखों का...
सदन में जो सदस्य हंगामा कर रहे थे, शोर कर रहे थे उनकी तरफ इशारा करते हुए सुषमा ने कहा था कि अध्यक्ष जी, ये सेक्युलर हैं. ये धर्मनिरपेक्ष हैं. दिल्ली की सड़कों पर तीन हजार सिखों का कत्लेआम करने वाले ये कांग्रेस वाले सेक्युलर हैं.
हंगामा बढ़ता गया तो सदन में मौजूद पूर्व पीएम चंद्रशेखर खड़े हुए. उन्होंने हंगामा कर रहे सांसदों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कोई सदस्य अगर बोल रहा है तो दूसरे सदस्यों को उन्हें सुनना चाहिए और उन्हें सुनने देने की अनुमति देनी चाहिए. मैं नहीं जानता कि किस रोष में ये लोग बोल रहे हैं. आपसे बहुत रोष वालों को मैंने देखा है. ये रोष हमको मत दिखाइए. जब सुषमा जी बोल रही हैं तो उनकी बात को सुनना चाहिए और जिनको उत्तर देना है उनको देना चाहिए.
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उस साल अटल बिहारी वाजपेयी 13 दिन ही पीएम की कुर्सी पर बैठ पाए थे. बाद में जनता दल के नेता एचडी देवगौड़ा पीएम बने. उनकी संयुक्त मोर्चा की गठबंधन सरकार बनी थी. (सुषमा स्वराज का पूरा भाषण नीचे देखिए)