नीतीश और नायडू की पावरफुल डिमांड, किंगमेकर को साथ रखने के लिए बीजेपी को क्या कीमत चुकानी होगी?
NDA Government Formation: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही एनडीए की ओर से सरकार बनाने की कवायद भी तेज हो गई है. बीजेपी इस बार अकेले बहुमत हासिल नहीं कर पाई है. ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू किंगमेकर बनकर उभरे हैं.
Nitish Kumar, Chandrababu Naidu: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी को अकेले अपने दम पर पूरा बहुमत नहीं मिला है. एनडीए के घटक दल के रूप में बीजेपी 240 सीटें लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. लेकिन नीतीश कुमार और एन चंद्रबाबू नायडू किंगमेकर बनकर उभरे हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू 12 तो चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है. बुधवार को एनडीए घटक दल की हुई बैठक में नीतीश और नायडू दोनों ने कहा है कि वो एनडीए के साथ हैं. लेकिन सूत्रों की मानें तो नीतीश और नायडू NDA के साथ तो हैं लेकिन उनकी डिमांड भी भरपूर है.
जद(यू) की क्या हैं डिमांड?
सूत्रों के मुताबिक, जद(यू) ने रेल, वित्त और कृषि मंत्रालय की मांग रखी है. सूत्रों का दावा है कि केंद्र में इस बार 80 मंत्री बन सकते हैं. ऐसे में 4 सांसदों पर एक मंत्री बनने का फॉर्मूला तय हो सकता है. वहीं, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी(आर) ने भी दो मंत्री पद की मांग की है.
जद(यू) पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इस बार एनडीए को समर्थन शर्तों के आधार पर देंगे. पार्टी नेताओं का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के विपरीत इस बार स्थिति अलग है. उस बार 16 सीटें होने के बावजूद एक ही मंत्री पद दी गई थी. क्योंकि भाजपा अपने दम पर बहुमत में थी. इस बार पार्टी की 12 सीटें 2019 की तुलना में ज्यादा मूल्यवान हैं.
सूत्रों के मुताबिक, जद(यू) की नजर रेलवे, ग्रामीण विकास और जल शक्ति मंत्रालय पर है. वहीं, अन्य विकल्प के तौर परिवहन और कृषि मंत्रालय हो सकते हैं. नीतीश कुमार इससे पहले भी एनडीए सरकार में रेलवे, कृषि और परिवहन मंत्री रह चुके हैं. जद(यू) के नेता ने का कहना है कि हम चाहते हैं कि हमें ऐसे मंत्रालय मिले जिससे राज्य के विकास में मदद मिले. घटते जल स्तर और बाढ़ की चुनौतियों के साथ-साथ जल संकट का सामना कर रहे बिहार के जल शक्ति मंत्रायल एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है.
उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण बुनियादी ढ़ांचे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. साथ ही रेलवे मंत्रालय बिहार को मिलना निश्चित रूप से बिहार के लिए गर्व की बात होगी.
चंद्रबाबू नायडू की बड़ी मांग
सूत्रों की मुताबिक, केंद्र सरकार से नायडू की सबसे बड़ी मांग आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना है. 2014-18 के दौरान नायडू राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में विफल रहे थे. जिसके बाद उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. इसके बावजूद उन्हें 2019 के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था.
हालांकि, इस बार मामला अलग है. बीजेपी के लोकसभा में नंबर नहीं है और वह जदयू और टीडीपी पर निर्भर है. इसके अलावा टीडीपी को राज्य की राजधानी अमरावती में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कई हजार करोड़ रुपयों की जरूरत है. ऐसे में टीडीपी की यह भी एक अहम मांग है.
टीडीपी के करीबी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय की मांग रखी है. साथ ही टीडीपी ने वित्त मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार की मांग की है.