Uddhav Thackeray Campaign Song Controversy: उद्धव ठाकरे की पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भले ही बदल गया हो पर कलेवर नहीं बदला. पार्टी ने कैंपेन के लिए एक मिनट का गीत (Uddhav Thackeray Party Song) तैयार किया है. वीडियो की शुरुआत भगवा पताका से होती है. आगे जोशीला गीत और धमधमाता संगीत है. बाला साहेब ठाकरे कई बार दिखाई देते हैं. खास बात यह है कि वह एक वीडियो में मशाल लिए भी दिखाई देते हैं जो अब शिवसेना (यूबीटी) का सिंबल बन चुका है. हालांकि जोश में दिख रही पार्टी को चुनाव आयोग से इस वीडियो पर नोटिस मिला है. जी हां, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बताया है कि उन्हें अपनी पार्टी के नए गीत से 'जय भवानी' और 'हिंदू' जैसे शब्द हटाने के लिए कहा गया है. 


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हालांकि उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह इस नोटिस का पालन नहीं करेंगे. उद्धव ने कहा कि पार्टी के गीत से 'जय भवानी' हटाने की मांग करना महाराष्ट्र का अपमान है. उनकी पार्टी ने अपने नए चुनाव चिह्न 'मशाल' को लोकप्रिय बनाने के लिए यह गीत तैयार किया है. अब निर्वाचन आयोग ने इसमें से 'हिंदू' और 'जय भवानी' जैसे शब्द हटाने को कहा है. गीत में उस लाइन पर आपत्ति जताई गई है जिसमें कहा गया है कि- आप एक हिंदू हो और जय भवानी, जय शिवाजी. 



ठाकरे ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज ने देवी तुलजा भवानी के आशीर्वाद से हिंदवी स्वराज की स्थापना की. हम देवी या हिंदू धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं. यह अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि वह अपनी जन सभाओं में 'जय भवानी' और 'जय शिवाजी' कहने की परंपरा जारी रखेंगे.


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शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा, ‘अगर निर्वाचन आयोग हमारे खिलाफ कार्रवाई करता है तो उन्हें हमें बताना होगा कि उन्होंने उस समय क्या किया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए लोगों से ‘जय बजरंग बली’ कहने और ईवीएम का बटन दबाने को कहा था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से कहा था कि वे अयोध्या में रामलला के दर्शन मुफ्त में करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट दें.’ 


उन्होंने कहा, ‘शिवसेना (यूबीटी) ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि क्या कानून बदल दिए गए हैं और क्या अब धर्म के नाम पर वोट मांगना ठीक है. आयोग ने हमारे पत्र का जवाब नहीं दिया है। हमने कहा है कि अगर कानून बदले गए हैं तो हम अपनी चुनावी रैलियों में 'हर-हर महादेव' भी कहेंगे.’


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता बालासाहेब ठाकरे को मतदान करने और चुनाव लड़ने से छह साल के लिए रोक दिया गया था क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व के लिए अभियान चलाया था. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे.