Lok Sabha Chunav News: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अगर 10 दमदार भाषण चुने जाएं तो उसमें 1996 में संसद दी गई उनकी स्पीच भी शामिल है. तब भाजपा को बहुमत नहीं मिला था. संसद में कांग्रेस पर गरजते हुए वाजपेयी ने कहा था कि हम सबसे बड़े विरोधी दल के रूप में सदन में बैठेंगे और आपको हमारा सहयोग लेकर सदन को चलाना पड़ेगा. खैर, इस चुनाव से थोड़ा पीछे प्रचार के समय में चलते हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की देहरादून में एक चुनावी रैली हो रही थी और वहां किसी ने रबड़ के सांप छोड़ दिए. भगदड़ मच गई. इसके बाद जो हुआ उसे आज भी याद किया जाता है.  


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जी हां, कुछ देर बाद जब अटल बिहारी वाजेपयी बोलने के लिए खड़े हुए तो वह पहाड़ के लोगों से एक बड़ा वादा कर आए. उन्होंने कहा था कि यहां की जनता पांच सीटें भाजपा की झोली में डाल दे, बदले में वह अलग राज्य बनाने का वादा करते हैं. हुआ भी वैसा ही. 1996 के चार साल बाद साल 2000 में उत्तराखंड के रूप में अलग राज्य बन गया. 


रैली में वो 'सांप' किसने छोड़े थे


दरअसल, 1996 में उत्तराखंड को अलग स्टेट बनाने की मांग तेज हो रही थी. आंदोलन बढ़ता ही जा रहा था. पहाड़ के आंदोलनकारी लोकसभा चुनाव का ही विरोध करने लगे. अटल की रैली से पहले काफी तोड़फोड़ की खबरें आईं. हालात एक तरह से बेकाबू होते जा रहे थे. अटल बिहारी को संदेश भेजा गया कि वह रैली स्थगित कर दें लेकिन वाजपेयी नहीं माने. 


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राज्य नहीं तो चुनाव नहीं... इस नारे के साथ आंदोलनकारी सड़क पर आ गए. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी थे. देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली के इंतजाम भी प्रभावित हुए थे. रैली वाले दिन सुबह से ही हंगामा देखा जा रहा था. हालांकि अटल रैली स्थल पहुंच गए. रैली शुरू नहीं हुई थी तभी एक पत्रकार चोटिल हो गया. पत्रकारों को लगा कि वह प्रोटेस्ट में चोटिल हुआ. वाजपेयी के सामने ही वे विरोध जताने लगे. 


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बताते हैं कि उसी दौरान किसी ने रबड़ के सांप छोड़ दिए. रैली में भगदड़ मच गई. लोग भागने लगे. भीड़ को रोकने के लिए लाठीचार्ज भी हुआ. बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए. इसी रैली में वाजपेयी ने अलग राज्य का वादा किया था.