Gurugram Lok Sabha Chunav: बॉलीवुड के 'किंग खान' का ताल्लुक पाकिस्तान के पेशावर से रहा है. बंटवारे के बाद शाहरुख खान का परिवार दिल्ली आकर बस गया. आज करोड़ों लोग उनकी एक्टिंग के दीवाने हैं लेकिन एक समय परिवार को कम लोग जानते थे. जी हां, तब शाहरुख खान के पिता ने लोकसभा चुनाव लड़ा था. आजादी के बाद वो दूसरा आम चुनाव था. मीर ताज मोहम्मद खान दिल्ली से लगी गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में थे. आज के समय में फिल्मी सितारों की लोकप्रियता को भुनाने के लिए पार्टियां उन्हें खुशी-खुशी टिकट देती हैं लेकिन तब शोहरत से दूर शाहरुख के पिता को करारी शिकस्त मिली थी. 


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1957 का लोकसभा चुनाव


तब हरियाणा नहीं, पंजाब के तहत गुरुग्राम सीट आती थी. तत्कालीन गुड़गांव लोकसभा सीट से केवल तीन उम्मीदवार लड़ रहे थे. कांग्रेस के टिकट पर अबुल कलाम आजाद थे तो भारतीय जनसंघ से मूलचंद खड़े हुए थे. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताज मोहम्मद चुनाव लड़ रहे थे. 


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स्वतंत्रता सेनानी थे शाहरुख के पिता लेकिन...


आपको जानकर ताज्जुब होगा कि स्वतंत्रता सेनानी ताज मोहम्मद खान को एक भी वोट नहीं मिला था. जी हां, वह कांग्रेस से जुड़े थे लेकिन टिकट नहीं मिला. लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो उन्हें शून्य वोट मिले. बताते हैं कि वह आजादी की लड़ाई में खान अब्दुल गफ्फार के साथ थे. 


नेहरू की लहर में जीते आजाद


1957 के लोकसभा चुनाव में पंडित नेहरू की लहर थी. कांग्रेस के अबुल कलाम आजाद को 1.91 लाख वोट मिले थे और उनके प्रतिद्वंद्वी जनसंघ के मूलचंद को 95 हजार वोट मिले. ताज मोहम्मद को एक भी वोट न मिलना न चाहते हुए भी अपने में रिकॉर्ड बना गया. हालांकि अबुल कलाम की मौत के बाद 1958 में उपचुनाव कराने पड़े. तब आर्य समाज के नेता प्रकाशवीर शास्त्री यहां से जीत गए थे. उस दौर में हरियाणा के क्षेत्र में आर्य समाज का काफी प्रभाव था. 


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आज के समय में देखें तो कंगना रनौत, शत्रुघ्न सिन्हा, रवि किशन, मनोज तिवारी जैसे कई फिल्मी सितारे लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टियां इनकी फैन फॉलोइंग को भुनाने की पूरी कोशिश करती हैं. 


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