Wayanad Election: कौन हैं के. सुरेंद्रन, राहुल गांधी की टेंशन बढ़ाने के लिए भाजपा ने वायनाड से उतारा
Wayanad Lok Sabha Election: राहुल गांधी पिछली बार अमेठी लोकसभा सीट हार गए थे. इस बार पहली ही लिस्ट में उनका नाम वायनाड से घोषित कर दिया गया. हालांकि अमेठी और रायबरेली सीट से गांधी परिवार के सदस्यों के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें अब भी जारी हैं. इस बीच, भाजपा ने वायनाड सीट पर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है.
K Surendran vs Rahul Gandhi: केरल में भाजपा के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ही वायनाड लोकसभा सीट पर राहुल गांधी को चुनौती देंगे. जी हां, भाजपा के धुरंधर नेता के आने से अब राहुल गांधी की फाइट मुश्किल हो सकती है. इस बार भी वह वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं. अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अब तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. गाहे-बगाहे यह चर्चा भी होती रहती है कि शायद राहुल गांधी यहां से भी चुनाव लड़ें. खैर, जब से भाजपा ने वायनाड सीट से कैंडिडेट घोषित किया है, उसकी चर्चा ज्यादा है. आइए जानते हैं कि केरल में भाजपा के प्रेसिडेंट कौन हैं और वह राहुल गांधी के सामने कितनी बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं.
- के. सुरेंद्रन नॉर्थ केरल के एक बड़े नेता हैं जो 2020 में भाजपा के स्टेट प्रेसिडेंट बने थे.
- पिछली बार वह Pathanamthitta लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन तीसरे स्थान पर रहे.
- 2018 में सबरीमाला आंदोलन के दौरान सुरेंद्रन को गिरफ्तार किया गया था और वह एक महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहे.
- 2021 के केरल विधानसभा चुनावों में वह दो सीटों से चुनाव लड़े थे लेकिन दोनों हार गए.
- इस बार सुरेंद्रन पूरी तैयारी से हैं. उम्मीदवारी की घोषणा होने के बाद उन्होंने पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देने के साथ राहुल गांधी का जिक्र करते हुए ट्वीट किया. यह दिखाता है कि उनका प्लान क्या है और वह कितनी तैयारी से हैं.
- उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भाजपा ने वायनाड में इंडी अलायंस के नेता राहुल गांधी के खिलाफ एनडीए कैंडिडेट के तौर पर मेरा नाम घोषित किया है.'
वायनाड की फाइट
दरअसल, विपक्षी दलों ने INDIA अलायंस भले बनाया है पर वायनाड सीट पर कांग्रेस और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई दोनों ने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं. हां, सीपीआई ने एन्नी राजा को मैदान में उतारा है. इससे राहुल गांधी के वोट बंटने का खतरा पैदा हो गया है. वैसे, वायनाड सीट काफी समय से कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी की तरह गढ़ मानी जाती रही है. पिछले तीन लोकसभा चुनाव पार्टी यहां बड़े मार्जिन से जीतती आ रही है.
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2009 और 2014 में कांग्रेस के एमआई शनावास जीतते रहे लेकिन 2018 में उनका निधन हो गया. इसके बाद राहुल यहां से जीते. उसी चुनाव में वह अमेठी में स्मृति इरानी से हार गए थे. वायनाड में राहुल ने सीपीआई कैंडिडेट को 4.31 लाख वोटों के मार्जिन से हराया था. 2019 में बीजेपी कैंडिडेट को वायनाड में 78,000 वोट ही मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे.
इस बार भाजपा को उम्मीद है कि केरल प्रेसीडेंट राहुल को कड़ी चुनौती दे सकेंगे.
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