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Arun Govil: अब 'राम' आए हैं! तब रावण, हनुमान, सीता को लाकर भाजपा ने बनाया था राजनीति का सुपर शो

BJP Lok Sabha Chunav: रामायण के वही 'राम' अब लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जी हां, भाजपा ने अरुण गोविल को मेरठ से प्रत्याशी घोषित किया है. अरुण ने 'जय श्री राम' लिखते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी के विश्वास और जनमानस की अपेक्षाओं पर पूर्णत: खरा उतरने का संपूर्ण प्रयास करूंगा. 

जब रामायण सीरियल आता था

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जब रामायण सीरियल आता था

35 साल पहले दूरदर्शन पर एक शो आता था. सड़कें खाली हो जाती थीं. लोग टीवी के सामने ही हाथ जोड़कर बैठ जाते थे. पूजा शुरू हो जाती थी. वो दौर था दूरदर्शन का और सीरियल था रामानंद सागर का धारावाहिक 'रामायण'. बाद में टीवी चैनलों की बाढ़ आई, रामायण की कथा भी कई बार दिखाई गई लेकिन वो आकर्षण नहीं मिला. कलाकारों की छवि उस सीरियल से ऐसी बनी थी कि राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) कहीं दिख जाएं तो लोग पैर छूने के लिए दौड़ पड़ते थे. 

'राम' को देख आज भी पूजते हैं लोग

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'राम' को देख आज भी पूजते हैं लोग

आज नई पीढ़ी को भले ही न समझ आए पर चाचा-दादा की उम्र के लोगों के मन में आज भी उन कलाकारों के लिए स्नेह है. रामायण सीरियल के राम यानी अरुण गोविल पहले राम मंदिर की चर्चा चुनाव के समय होने पर काफी नाराज होते थे. हालांकि जब राम मंदिर बना और वह दर्शन करने गए तो काफी खुश हुए. फिल्म और वेब सीरीज देखने वाली आज की पीढ़ी को शायद ताज्जुब लगे कि रामायण सीरियल के कलाकारों का लोगों पर कितना प्रभाव रहा है. इसीलिए राम लहर के बीच मेरठ से अरुण गोविल का चुनाव लड़ना भाजपा का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. 

खास बात यह है कि भाजपा ने ही रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी, सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को भी संसद भेजा था. अब 'राम' मेरठ से आए हैं. अरुण गोविल अग्रवाल बिरादरी से आते हैं. उनका मेरठ से गहरा नाता है. उनका जन्म यहीं पर हुआ था. उन्होंने यहीं पढ़ाई पूरी की.

'राम' के प्रति श्रद्धा देखिए

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'राम' के प्रति श्रद्धा देखिए

हां, अरुण गोविल जहां भी दिख जाते हैं लोग फूल बरसाने लगते हैं. तिलक लगाकर पूजा करने लग जाते हैं. 

राजनीति का सुपर शो: 'रावण' ने जीता चुनाव

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राजनीति का सुपर शो: 'रावण' ने जीता चुनाव

असल जीवन में राम के परम भक्त और 'लंकेश रावण' के किरदार को जीवंत करने वाले अरविंद त्रिवेदी ने 1991 में गुजरात के साबरकांठा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उस समय राम मंदिर ही सबसे बड़ा मुद्दा था. वह कहा करते थे कि राम का विरोध करने का परिणाम मुझसे बेहतर कौन जान सकता है. यह सुनकर जनता मंत्रमुग्ध हो जाती. वह जीतकर संसद पहुंचे थे. 

'सीता' की राजनीति में एंट्री

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'सीता' की राजनीति में एंट्री

रामायण सीरियल आने के ठीक बाद 1991 में भाजपा ने सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को वडोदरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला किया. उन्हें राजनीति की कम समझ थी लेकिन उन्हें देखनेवालों की भीड़ लग जाती. लोग उन्हें प्रणाम करते. उन्होंने कांग्रेस के किले को ध्वस्त करते हुए 34 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. वडोदरा से दीपिका के नामांकन के लिए लालकृष्ण आडवाणी और आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गए थे. 

तस्वीर में पहचानिए

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तस्वीर में पहचानिए

हां, चुनाव के समय की इस तस्वीर में दीपिका चिखलिया के साथ लालकृष्ण आडवाणी और आज के पीएम नरेंद्र मोदी भी दिखाई दे रहे हैं. 

जब 'हनुमान' भी पहुंचे संसद में

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जब 'हनुमान' भी पहुंचे संसद में

हां, रामानंद सागर के उसी सीरियल से घर-घर में पहचान बनाने वाले अभिनेता दारा सिंह 2003 में संसद पहुंचे. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय वह राज्यसभा सांसद बने थे. 

'श्रीकृष्ण' भी जीते थे

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'श्रीकृष्ण' भी जीते थे

'महाभारत' सीरियल में श्रीकृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज (Nitish Bharadwaj) की छवि आज भी लोगों में बसी हुई है. भाजपा ने उन्हें जमशेदपुर से 1996 में चुनाव लड़ाया था. वह जीते भी थे. द्रौपदी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री रूपा गांगुली को भी भाजपा ने राज्यसभा भेजा. 

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