बात आज बॉलीवुड की एक ऐसी माइल स्टोन फिल्म की जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम होगा. हम बात कर रहे हैं 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई फिल्म शोले की जिसने ना जाने कितने ही रिकार्ड्स अपने नाम दर्ज करवाए हैं. फिल्म में जय-वीरू की जबरदस्त दोस्ती हो या सूरमा भोपाली के बोलने की स्टाइल, हर किरदार ने लोगों के दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी थी. ऐसा ही एक किरदार था डाकू गब्बर सिंह का, जिसे बेहद ज़बरदस्त तरीके से एक्टर अमजद खान ने  निभाया था. अमजद खान की एक्टिंग इतनी शानदार थी कि फिल्म में उन्हें गब्बर के रोल में देखकर लोग सिहर उठते थे. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि गब्बर के रोल के लिए अमजद खान मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे. 
 


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इन एक्टर्स को ऑफर हुआ था रोल


जी हां, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म शोले के मेकर्स डाकू गब्बर सिंह के रोल के लिए शत्रुघन सिन्हा या डैनी डेंजोंगप्पा में से किसी एक स्टार को कास्ट करना चाहते थे. हालांकि, किसी कारण से बात बन नहीं पाई थी. ख़बरों की मानें तो इसके बाद शोले के राइटर्स सलीम-जावेद ने डायरेक्टर रमेश सिप्पी को अमज़द खान का नाम सुझाया जिसके बाद एक्टर की फिल्म में एंट्री हुई थी. अमजद खान और फिल्म शोले से जुड़ा एक किस्सा और मशहूर है.


मेकर्स को अमजद खान से थी एक दिक्कत


कहते हैं कि फिल्म की रिहर्सल के दौरान जब अमजद खान ने गब्बर के डायलॉग बोले तो उनकी आवाज़ डाकुओं जैसे नहीं बल्कि काफी पतली थी जिसके बाद यह अफवाह भी उड़ी थी कि अमजद खान को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.  हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ. अमजद ने अपने रोल में जान फूंकने के लिए कड़ी मेहनत की और जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई तब गब्बर बने अमजद ने अपनी एक्टिंग से सबकी बोलती बंद कर दी थी.