Besharam Rang Song: कंट्रोवर्सी की वजह से भले ही शाहरुख खान की फिल्म पठान के गाने बेशरम रंग की चर्चा हो रही हो, लेकिन सच यही है कि अब बॉलीवुड फिल्मों के गाने किसी को याद नहीं रहते. कोई गाना बजा भी तो फिल्म के जाते ही भुला दिया जाता है. बॉलीवुड फिल्म संगीत मृत अवस्था में है और रीमिक्स गानों तथा उनके वीडियो के भरोसे म्यूजिक इंडस्ट्री का थोड़ा-बहुत अस्तित्व बचा है. फिल्म संगीत को इस हाल में किसने पहुंचाया, यह बड़ा सवाल है और इस पर लंबी बहस हो सकती है. परंतु अब स्थिति यह आ गई है की संगीतकारों-गायकों के लिए बॉलीवुड के होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. विख्यात रैपर बादशाह ने खुल कर कहा है कि आज उन्हें बॉलीवुड की कोई जरूरत नहीं है.


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म्यूजिकल बायोपिक
ऐसे समय में जब लोग अपनी कहानियां या बायोपिक बनाने के लिए बॉलीवुड फिल्मों का सहारा ले रहे हैं, बादशाह अपनी कहानी को लोगों के सामने लाने की तैयारी कर रहे हैं. मगर वह किसी फिल्म के द्वारा अपनी लाइफ स्टोरी कहने के बजाय म्यूजिक एलबम की योजना बना रहे हैं. वह गानों और एलबम के माध्यम से अपनी जिंदगी की कहानी लोगों के सामने पेश करने वाले हैं. बादशाह का असली नाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है. देश के शानदार रैपर्स में बादशाह की गिनती होती है और वह अभी तक दर्जनों एलबम, सैकड़ों वीडियो तथा फिल्मी गाने कर चुके हैं. 37 साल के बादशाह का कहना है कि मैं अपने गानों का अंदाज बदलने वाला हूं और अपनी कहानी एलबम में कहूंगा.


कहना ही क्या
बादशाह के अनुसार भले ही लोग उनके ग्लैमर वाले पक्ष को जानते हैं, लेकिन उन्हें इस सिंगर की असली कहानी नहीं पता. उन्होंने कहा कि जब मैंने रैप शुरू किया था, तब इंडिया में कम लोग यह कर रहे थे. हमें तब भी बॉलीवुड की जरूरत नहीं थी. मगर आज भी स्थिति वही है. बादशाह का कहना है कि आज बॉलीवुड के फिल्मकारों ने यहां के संगीत की क्या बुरी गत कर दी है, यह किसी से कहने की जरूरत नहीं है. इसी वजह से आज हालत यह है कि हमें अपने संगीत को या अपनी म्यूजिकल स्टोरी को कहने के लिए बॉलीवुड की जरूरत नहीं है. आज ढेरों प्लेटफॉर्म हैं, जहां टैलेंट को जगह मिलती है. अगर आपमें टैलेंट है तो उसे कहीं भी जगह मिल जाएगी. सिर्फ फिल्में ही लोगों तक पहुंचने का जरिया नहीं रह गई हैं.


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