Indurani Life Facts: 1931……फिल्म आलम आरा (Alam Aara) के बाद बोलती फिल्मों का दौर आया, तो कई नए कलाकारों को हिंदी सिनेमा से जुड़ने का मौका मिला. 40-50 के दशक में इन नए कलाकारों में से एक थीं इंदुरानी (Indurani).असली नाम तो इनका इशरत जहां था, लेकिन मुस्लिम परिवार की इशरत जब फिल्मों में आईं तो पिता ने इन्हें हिंदु नाम दिया. ठीक उसी तरह जैसे यूसुफ बने दिलीप कुमार और माहजबीन बानों बनी मीना कुमारी. इंदुरानी के पिता के दिल्ली शहर में 17 टांगे चलते थे.मां पढ़ी-लिखी थीं तो इनकी पढ़ाई मिशन उर्दू स्कूल से हुई. इंदुरानी 7 भाई-बहनों में तीसरी थीं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिता ने दिया धोखा, छोड़ दिया अकेले


उनकी बड़ी बहन सरोजिनी फिल्मों में जाना चाहती थी, लेकिन पिता ने ये सुनते ही उसकी पिटाई कर दी. जब कुछ महीने बीते तो पिता जुआरी बन गए और घर चलाना मुश्किल हो गया.ऐसे में पिता इंदुरानी और सरोजिनी को लेकर पुणे चले गए. दादा साहेब फाल्के के स्टूडियो सरस्वती मूविटोन में दोनों बहनों को काम मिला तो पिता दोनों की एडवांस सैलेरी लेकर उन्हें छोड़कर वापस दिल्ली चले आए. पुणे से बॉम्बे आकर दोनों बहनों ने लगातार फिल्में करते हुए खूब नाम और दौलत कमाई. 


गोविंदा के पिता की थी मदद


मीना कुमारी के पिता को 5 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी थी. जब गोविंदा के पिता अरुण आहूजा के फिल्मों में लगाए पैसे डूबे तो इंदुरानी ने ही 2 महीनों तक उनका घर खर्च चलाया था. इंदुरानी ने 17 साल की उम्र में मोहन स्टूडियो के मालिक रमणिकलाल शाह से शादी की थी. जब 1942 में इनका पहला बच्चा जन्म से पहले ही चल बसा तो इंदुरानी सदमे में थीं. सदमे में जाने के बाद इंदुरानी ने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया. 5 बच्चे हुए, जिनमें से ज्यादातर की पढ़ाई इंदुरानी ने विदेश में करवाई.1973 में पति रमणिकलाल की मौत के बाद इंदुरानी खुद भी यूएस शिफ्ट हो गईं, जहां उन्होंने जिंदगी के आखिरी 35 साल बिताए. विदेश में ही 18 फरवरी 2012 को बोलती फिल्मों की स्टार इंदुरानी 90 साल की उम्र में दुनिया से रुखसत हो गईं.