Jeetendra Movies: बॉलीवुड में 'जंपिंग जैक' के नाम से मशहूर जितेंद्र (Jeetendra) ने बतौर अभिनेता लंबी पारी खेली. उनकी बेहतरीन फिल्मों में से एक कारवां 1971 में रिलीज हुई, जिसने टिकट बिक्री हासिल में शोले जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म को पीछे छोड़ दिया. हालांकि उनका एक कदम भारी भी पड़ गया था. दरअसल, बतौर अभिनेता अपनी पहचान बनाने के बाद जब जितेंद्र ने प्रोड्यूसर बनने की ठानी तो वो मुसीबत में पड़ गए थे. 


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फिल्ममेकर बनना चाहते थे जितेंद्र


दरअसल, वो करियर की शुरुआत से ही फिल्ममेकर बनना चाहते थे. वो डायरेक्टर एचएस रवैल के बहुत बड़े फैन थे और उनकी फिल्म मेरे महबूब देखने के बाद उनके साथ बतौर फिल्ममेकर काम करना चाहते थे. जब उन्होंने एक्टिंग करियर में काफी काम कर लिया तो उन्होंने फिल्म प्रोडक्शन में हाथ आजमाने की सोची. उन्होंने अपने प्रोडक्शन बैनर तिरुपति फिल्म्स की स्थापना की. इस बैनर के तले जितेंद्र के भाई प्रसन्न कपूर ने कई हिट फिल्में बनाईं लेकिन जब जितेंद्र ने मेरे महबूब जैसी फिल्म की तरह एक मल्टीस्टारर फिल्म में अपनी जमापूंजी लगाई तो उन्हें ये फैसला काफी महंगा साबित हो गया. 


फ्लॉप साबित हुई फिल्म


1982 में आई इस फिल्म में जितेंद्र, ऋषि कपूर (Rishi Kapoor), रेखा (Rekha) और अशोक कुमार (Ashok Kumar) ने मुख्य भूमिका निभाई थी लेकिन उसके बावजूद फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही. जिस फिल्म को बनाने में जितेंद्र ने अपनी पूरी जिंदगी भर की कमाई दांव पर लगा दी, उसके फ्लॉप होने से उन्हें तकरीबन 2.5 करोड़ का नुकसान हुआ. जितेंद्र इस फिल्म की सक्सेस को लेकर बेहद आशावान थे. उन्होंने मुंबई और अन्य शहरों के कई थिएटर्स के बाहर पुलिस का इंतजाम तक कर दिया था क्योंकि उन्हें लगा था कि सिनेमाघरों के बाहर भारी भीड़ जमा होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जितेंद्र के काफी सारे पैसे इस फिल्म में डूब गए और वो दिवालिया होने की कगार पर आ गए थे. इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद जितेंद्र ने तय कर लिया कि वो कभी भी दोबारा कोई फिल्म नहीं बनाएंगे.