Alfred Hitchcock Films: इसे फिल्म का प्रमोशन कहिए या फिर सचमुच कहानी की जरूरत. 1960 में आई निर्माता-निर्देशक अल्फ्रेड हिचकॉक की फिल्म साइको के लिए अलग ही नियम-कायदे बनाए गए थे, जिसने लोगों को हैरान कर दिया था. इस साइको-थ्रिलर फिल्म ने रिलीज होने पर अमेरिका समेत यूरोप और पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था. अल्फ्रेड हिचकॉक ने फिल्म रिलीज करने से पहले कुछ बेहद सख्त नियम बना दिए थे और अखबारों में विज्ञापन देकर उनका जोर-शोर से प्रचार किया गया था. इन विज्ञापनों ने दर्शकों को बहुत आकर्षित किया और उसके बाद फिल्म भी इतनी शानदार थी कि लोग देख कर हैरान रह गए.


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चाहे आप कुछ भी हों
साइको के प्रचार में सबसे बात यह थी कि फिल्म के मेकर्स से सबसे सख्त नियम बनाया कि इस फिल्म के शुरू होने के एक सेकंड बाद भी किसी दर्शको को हॉल में एंट्री नहीं मिलेगी. थियेटरों के बाहर बड़े होर्डिंगों पर बड़े-बड़े अक्षरों में साफ लिखा गया था कि शो शुरू होने के बाद किसी को भी, चाहे वह कोई भी कितना बड़ा आदमी क्यों न हो, उसे थियेटर में जाने की इजाजत नहीं मिलेगी. अल्फ्रेड हिचकॉक ने इसका बाकायदा कारण भी दिया था और इन दिनों सिनेमाघरों में उनकी आवाज में रिकॉर्ड किया गया मैसेज अनाउंस होता था. जिसमें हिचकॉक को सुना जा सकता कि ऐसा हमने दर्शकों के ही मनोरंजन के लिए किया है. इस फिल्म को पहले ही सीन से देखा जाना बेहद जरूरी है.


लगा दी थियेटर में पुलिस
रोचक बात यह थी थियेटरों में अल्फ्रेड हिचकॉक के बनाए नियम का पालन हो, इसलिए अमेरिकी पुलिस के अधिकारियों को खास तौर पर नियुक्त किया गया था. पुलिस यह देखती थी कि किसी भी हाल में नियम नहीं टूटे. हिचकॉक ने अखबारों में दिए विज्ञापनों में लिखा कि हमने पाया है कि यह फिल्म दूसरी फिल्मों से बिल्कुल अलग है और जैसे-जैसे इसकी कहानी आगे बढ़ती है, इसका मजा बढ़ता जाता है. इसलिए जरूरी है कि साइको को पहले सीन से ही देखा जाए. हम नहीं चाहते कि दर्शक खुद अपने साथ चीटिंग करें. अतः फिल्म शुरू होने के बाद हम किसी को भी थियेटर में प्रवेश नहीं देंगे. फिर चाहे वह थियेटर मैनेजर का भाई हो, अमेरिका के राष्ट्रपति हों या फिर इंग्लैंड की महारानी.


अगर नहीं पचती पेट में बात
इस नियम के अलावा हिचकॉक ने साइको को लेकर दर्शकों को एक चेतावनी और दी. कुछ विज्ञापनों में कहा गया कि ऐसे लोग इस फिल्म से बिल्कुल दूर रहें, जिनके पेट में कोई बात नहीं पचती. इस फिल्म में बहुत से रहस्य हैं और अगर उन रहस्यों को आप लोगों पर खोल देंगे, उनका मजाक खराब हो जाएगा. नतीजा यह हुआ कि लोगों में फिल्म को लेकर जिज्ञासा बहुत बढ़ गई और थियेटरों के बाहर लंबी कतारें लग गईं. लोगों ने एडवांस में टिकट खरीदने शुरू कर दिए और एकदम समय से थियेटर में पहुंचने लगे. फिल्म की कामयाबी का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस वक्त करीब आठ लाख डॉलर में बनी साइको ने पांच करोड़ डॉलर बॉक्स ऑफिस पर कमाए थे.