Raghubir Yadav Films: रघुबीर यादव को फिल्मों में काम करते हुए 38 साल हो रहे हैं. उनकी पहली फिल्म मैसी साहब 1985 में आई थी और उसमें शानदार एक्टिंग के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिले थे. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और लगातार बढ़ते रहे. फिल्मों के साथ वह टीवी पर भी खूब सक्रिय रहे. एक्टिंग के अलावा उन्होंने कई गाने गाए और म्यूजिक भी कंपोज किया. मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले रघुबीर यादव एक किसान के बेटे हैं. लेकिन जैसे-तैसे पढ़ाई खत्म करके वह अभिनय की तरफ मुड़ गए. वह घर से भागे और भोपाल में एक थियेटर कंपनी से जुड़ गए.


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जिंदगी का सफर
अपने करियर में 75 से ज्यादा फिल्मों और दर्जनों टीवी सीरियलों में काम कर चुके रघुबीर यादव की जीवन यात्रा बड़ी रोचक रही है. थियेटर के साथ तमाम छोटी-मोटी नौकरियां तथा अलग-अलग जगहों पर हाथ आजमाने वाले रघुबीर यादव ने कुछ समय के लिए अखबार में भी काम किया. पान-बीड़ी की भी दुकान खोली. यही नहीं, एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने कुछ दिनों के लिए भोपाल में ताकत की दवाएं बेचने और लोगों की नामर्दी का इलाज करने वाले एक डॉक्टर के सहायक के रूप में काम किया. परंतु तमाम तरह से अपनी किस्मत आजमाने के बाद अंततः रघुबीर यादव को यही समझ आया कि उनके जीवन में एक्टिंग सबसे बड़ी चीज है और यही उन्हें करना चाहिए. आखिरकार वह जैसे-तैसे दिल्ली में एनएसडी तक पहुंचे.


मुंगेरीलाल तो कभी चाचा चौधरी
दूरदर्शन के दिनों में रघुबीर यादव ने अपनी पहचान दर्शकों के बीच बनानी शुरू कर दी थी. उनकी पुरस्कृत फिल्म मैसी साहब दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी और उनका अंदाज लोगों को बहुत पसंद आया था. इसके बाद वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसे सीरियल से लोकप्रिय हुए. वह दूरदर्शन पर ही मुल्ला नसीरूद्दीन और चाचा चौधरी बनकर आए. फिल्मों और टीवी पर काम करते हुए भी रघुबीर यादव ने थियेटर नहीं छोड़ा और उनके 70 से ज्यादा नाटकों के 2500 से ज्यादा शो अभी तक हो चुके हैं. यूं तो उन्होंने कई फिल्मों में भी गाया है, लेकिन आमिर खान प्रोडक्शंस की फिल्म पीपली लाइव में गाया उनका महंगाई डायन खाए जात है... जबर्दस्त लोकप्रिय हुआ और आज भी सुना जाता है.


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