Rohini Hattangadi Movies: बॉलीवुड में कई कलाकार ऐसे हैं, जिन्होने अपनी उम्र से कहीं ज्यादा के रोल निभाए. कई बार ऐसा भी हुआ कि किसी एक फिल्म में इस तरह का कैरेक्टर निभाने पर उन पर इस तरह का ठप्पा ही लग गया. उन्हें बार-बार इसी तरह के रोल ऑफर हुए. कई कलाकारों ने इसे स्वीकार भी कर लिया कि अब उन्हें हमेशा इसी तरह के रोल निभाने हैं. लेकिन कई ने इस बात का विरोध किया कि उन्हें ऐसे लोगों के मां-बाप के रोल निभाने को दिए जा रहे हैं जो असल जिंदगी में उनसे भी छोटे हैं. रोहिणी हट्टंगड़ी उन्हीं में से हैं. फिल्म गांधी (1982) में सबसे पहले उन्होंने एक उम्रदराज महिला का रोल निभाया था. वह उस फिल्म में कस्तूरबा गांधी बनी थी. इसके बाद सारांश (1884) में वह एक वृद्ध महिला की भूमिका में नजर आई. यह फिल्में करने के बाद उन्हें अधिकतर इसी तरह के रोल ऑफर होने लगे.


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बाद में हुआ एहसास
जब सबसे पहले रोहिणी ने गांधी में कस्तूरबा का रोल एक्सेप्ट किया था, उस समय वह सिर्फ 27 साल की थी. इसी तरह सारांश करते हुए भी उनकी उम्र 29 साल की ही थी. शुरुआती दौर में अच्छी फिल्म में अच्छा रोल मिलने पर उन्होंने यह रोल एक्सेप्ट तो कर लिए लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि मुझे इस तरह के रोल अब नहीं करने चाहिए. यही कारण है कि जब उन्हें अग्निपथ (1990) में अमिताभ की मां का रोल ऑफर हुआ तो उन्होंने शुरुआत में इंकार कर दिया. रियल लाइफ में अमिताभ, रोहिणी से लगभग 13 साल बड़े थे. इसलिए उन्होंने अपने सेक्रेटरी से कह दिया, बहुत हो गए मां के रोल अब वह इस तरह के रोल प्ले नहीं करेगी.


कुछ अलग कहानी
यही नहीं अग्निपथ से पहले भी वह कई फिल्मों में इस तरह के रोल निभाने से मना कर चुकी थी. लेकिन उनके सेक्रेटरी थे जो उन पर जोर डाले जा रहे थे कि रोहिणी इस तरह से मत करो. नहीं तो आगे तुम्हारे पास अच्छे रोल नहीं आएंगे. एक बार इस फिल्म की कहानी सुन लो. और जब फिल्म के डायरेक्टर मुकुल आंनद ने उन्हें फिल्म की स्टोरी सुनाई तो उन्हें लगा कि फिल्म कुछ अलग तरह की है और फिल्म के सारे किरदार भी जो लोग हमेशा याद रखेंगे. यह सब देखकर उन्होंने फिल्म के लिए हां कर दी.


थमा नहीं सिलसिला
यह रोहिणी हट्टनगड़ी की किस्मत ही थी कि न चाहते हुए भी उन्होंने अग्निपथ की. और अग्निपथ के बाद भी इस तरह के किरदार निभाने का रोहिणी का सिलसिला थमा नहीं,जारी रहा. आगे भी उन्हें इसी तरह की भूमिका मिली, जो उन्होंने स्वीकार की. रोहिणी ने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी तथा गुजराती भाषा की फिल्मों तथा थियेटर्स में भी काम किया. लेकिन इन भाषाओं की फिल्मों में भी उनके द्वारा निभाए गए किरदार वही रहे जो वह निभाना नहीं चाहती थी. हालांकि अब वह 68 साल की हो चुकी हैं और हाल में सलमान खान स्टारर किसी का भाई किसी की जान में आई हैं.