Bollywood Thriller: हिंदी सिनेमा में हीरो-हीरोइन के रोमांस के बीच लोग उम्र को भूल जाते हैं, लेकिन संजीव कुमार बहुत संवेदनशील व्यक्ति थे. यही वजह है कि जब एक फिल्म की शूटिंग में उनके और हीरोइन के बीच रोमांटिक सीन फिल्माने की बात आई तो उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए. फिल्म थी, कत्ल. 1986 में रिलीज हुई यह फिल्म संजीव कुमार के जीवन और मृत्यु से जुड़ी. फिल्म की शूटिंग के दौरान संजीव कुमार बहुत बीमार थे और उनके लिए शूट कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था. इस फिल्म की डबिंग के बीच ही उनकी मृत्यु हुई थी. उनकी मृत्यु के बाद रिलीज होने वाली यह पहली फिल्म थी. उनकी मृत्यु के दो महीने बाद कत्ल रिलीज हुई. आर.के. नैयर निर्देशक थे और फिल्म में सारिका संजीव कुमार की हीरोइन थीं.


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जब हुई रोमांस की
फिल्म एक ऐसे व्यक्ति की कहानी थी, जो एक हादसे में अंधा हो जाता है. जबकि उसकी पत्नी इस अंधेपन का फायदा उठा कर उससे बेवफाई करती है. व्यक्ति को यह बात पता चल जाती है और वह पत्नी से बदला लेता है, उसकी जान लेकर. फिल्म एक थ्रिलर थी. संजीव कुमार ने अंधे हुए व्यक्ति की भूमिका निभाई थी, जबकि सारिका उनकी पत्नी के रोल में थीं. शूटिंग के दौरान जब संजीव कुमार और सारिका के बीच रोमांटिक सीन फिल्माने की बात आई तो उन्होंने निर्देशक से साफ कह दिया कि वह ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि सारिका उम्र में न केवल उनकी बेटी के समान है, बल्कि उन्होंने उसे छोटी से बड़ा होते हुए देखा है. संजीव कुमार और सारिका की उम्र में 24 साल का फासला था.


बायपास के बाद
सारिका ने पांच साल की उम्र से ही चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में फिल्मों में काम शुरू कर दिया था और वह इंडस्ट्री के तमाम एक्टरों को बचपन से जानती थीं. निर्देशक ने जैसे-तैसे संजीव कुमार को तैयार किया मगर उन्होंने कहा कि वह कुछ सीमाओं में ही यह सीन करेंगे. फिल्म की शूटिंग से पहले संजीव कुमार की बायपास सर्जरी हुई थी और शूटिंग के दौरान वह बहुत कमजोर थे. उसने मुंह से डायलॉग इतनी धीमी आवाज में निकलते थे कि पास खड़े व्यक्ति को भी सुनाई नहीं देते थे. संजीव कुमार के निधन के बाद उनकी डबिंग का बाकी काम सुदेश भोसले ने किया था.


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