Shakti Kapoor Films: पुणे एफटीआईआई में पढ़ने वाले शक्ति कपूर ने हिंदी फिल्मों में शुरुआत फिल्म यारी दुश्मनी (1980) से की थी. अभिनेता के रूप में यह शक्ति कपूर की पहली फिल्म थी. शक्ति कपूर का असली नाम सुनील कपूर है. एफटीआईआई से उन्हें मुंबई लाने का श्रेय भले ही निर्देशक अर्जुन हिंगोरानी को है, मगर पर्दे पर उन्हें सबसे पहले सुनील दत्त ने पेश किया. सुनील दत्त ने अपनी फिल्म में उन्हें लुटेरे का महत्वपूर्ण रोल दिया. मगर सुनील दत्त को लगा कि खलनायक के रूप में सुनील नाम से लोगों पर असर नहीं होगा, अतः उन्होंने इस नए एक्टर का नाम बदलकर शक्ति कपूर कर दिया. सुनील दत्त की यह यह 1976 में लॉन्च हुई थी. उस समय फिल्म का नाम था, यारी और दुश्मनी. इसमें कबीर बेदी को साइन किया गया और उनकी जगह बाद में अमजद खान आए.


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खतरनाक आंखें
असल में सुनील दत्त ने यारी दुश्मनी से पहले फिल्म गंगा का बेटा शुरू की थी. इसमें सुनील दत्त, विनोद खन्ना और शक्ति कपूर थे. फिल्म की शूटिंग के दौरान सुनील दत्त ने शक्ति कपूर से कहा था कि उनकी आंखें बहुत खतरनाक हैं और उन्हें देख कर ही पता चल जाता है कि यह आदमी बुरा है. लेकिन सुनील नाम से नहीं लगता कि यह व्यक्ति विलेन है. इसे खतरनाक दिखने के लिए अपना नाम शक्ति कर लेना चाहिए. यहीं से सुनील कपूर, शक्ति कपूर बन गए. बाद में सुनील दत्त ने फिल्म गंगा का बेटा बंद कर दी, मगर सुनील कपूर ने स्क्रीन नाम ‘शक्ति’ का उपयोग जारी रखा. वह पर्दे पर शक्ति कपूर बन गए.


विनोद खन्ना ने दिया घर
यारी दुश्मनी को सुनील दत्त के भाई सोम दत्त ने प्रोड्यूस किया था. दिल्ली के रहने वाले शक्ति कपूर शुरुआती दिनों में मुंबई में बतौर पेइंग गेस्ट रहते थे. बाद में विनोद खन्ना ने बिना कोई किराया लिए, उन्हें पांच साल तक रहने के लिए अपना घर दे दिया. अपने शुरुआती दिनों में शक्ति कपूर ने फिल्मों के साथ सूटिंग-शर्टिंग और सिगरेट के विज्ञापनों में भी काम किया और पैसे कमाए.


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