Bollywood Actress: डाकुओं में इतना क्रेज था एक्ट्रेस का, ले जाने वाले थे उठाकर; भतीजा है बॉलीवुड का फेमस एक्टर
Jayshree T: बॉलीवुड के सौ साल के इतिहास में सिर्फ सितारे ही नहीं हुए. बल्कि तमाम ऐसे कलाकार हुए हैं, जिन्होंने सैकड़ों फिल्मों में काम किया और अपने समय पर अपने अभिनय-नाच-गाने से छाप छोड़ी. ऐसा ही एक नाम है, जयश्री टी का. वह अपने दौर की सबसे लोकप्रिय डांसर्स में से एक थीं.
Jayshree T. Films: 1970 और 1980 के दशक के हिंदी सिनेमा में डांसिंग स्टार के रूप में जो नाम खूब चमकते थे, उनमें जयश्री तलपड़े अव्वल थीं. फिल्मों में उन्हें जयश्री टी के नाम से जाना जाता था. 1953 में जन्मीं जयश्री टी के माता-पिता मराठी रंगमंच कलाकार थे. उन्होंने जयश्री और उनकी बहन मीना टी दोनों ने कथक का प्रशिक्षण दिलाया था. प्रसिद्ध नर्तक और कोरियोग्राफर गोपी कृष्ण ने एक फिल्म में जब जयश्री टी का नृत्य देखा, तो उन्होंने फोन करके कहा- मैं तुम्हारे जैसी छात्रा चाहता हूं. कहा जाता है कि जब एक पत्रकार ने उस दौर की सर्वश्रेष्ठ डांसर हेलन से पूछा कि आपके बाद कौन? तो हेलन ने जवाब दिया, जयश्री टी.
सेट पर आई पुलिस
जयश्री टी की लोकप्रियता का अंदाजा इस घटना से लगा सकती हैं. 1981 में आई फिल्म कसम भवानी की शूटिंग ग्वालियर के सुदूर गांव में हो रही थी. तब अचानक जयश्री टी ने सेट के आसपास कई पुलिसवालों को देखा. थोड़ी देर बाद एक पुलिस अधिकारी आया और उनसे अनुरोध किया कि अच्छा होगा कि आप यहा शूटिंग बंद करके वापस बॉम्बे लौट जाएं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि इलाके में सक्रिय डकैतों ने उनका अपहरण करने की योजना बनाई है क्योंकि वे उनके बड़े जबर्दस्त फैन हैं. जयश्री टी हैरान थीं कि फिल्म की हीरोइन योगिता बाली से ज्यादा वह डाकुओं के बीच लोकप्रिय थीं, और उनकी किडनैपिंग की योजना बरही थी. खैर, पुलिस की बात मान कर जयश्री टी माया नगरी में लौट आईं. फिल्म का गीत मेरी गुलाबी चोली को बाद में फिल्मसिटी में शूट किया गया.
वितरकों ने की डिमांड
जयश्री टी आज के दौर के मराठी फिल्मों और बॉलीवुड के स्टार श्रेयस तलपड़ की बुआ लगती हैं. श्रेयस इस प्रसिद्ध डांसर-एक्ट्रेस के भतीजे हैं. जयश्री टी ने लगभग 500 फिल्मों में करीब हर उस भाषा में अभिनय किया, जिसमें उस समय भारतीय फिल्में बनाई जा रही थीं. उन्होंने पांच साल की उम्र में फिल्म गूंज उठी शहनाई (1958) से शुरुआत की थी. इसके बाद वह कुछ फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में दिखाई दीं. बड़े होने पर फिल्म चंदा और बिजली (1969) में अपने डांस नंबर से उन्होंने सबसे पहल प्रसिद्धि पाई. फिल्म के निर्देशक साफ कह दिया था कि यह सिर्फ एक डांस है और उन्हें इसका क्रेडिट पोस्टर में नहीं दिया जाएगा. लेकिन जब वितरकों ने फिल्म देखी तो निर्माता-निर्देशक से कहा कि इस डांसर का नाम पोस्टर पर जरूर दें.
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