Simi Garewal Personal Life: ग्लैमर वर्ल्ड की खासियत यही है कि आप सोचकर कुछ आते हैं लेकिन आपके लिए लिखा कुछ और होता है. कई ऐसे आर्टिस्ट हैं जो यह सोचकर फिल्मों में आते हैं कि वे एक दिन हीरो बनेंगे लेकिन किस्मत ने उनके लिए विलेन के या अन्य करैक्टर रोल लिखे होते हैं. वहीं, इंडस्ट्री में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी जैसे स्टार्स भी हैं जिन्होंने कई सालों तक साइड रोल्स निभाए और एक दिन चोटी के स्टार बन गए. बहरहाल, आज हम आपको एक ऐसी ही एक्ट्रेस, सिमी ग्रेवाल (Simi Grewal) की कहानी सुनाने वाले हैं जिन्होंने वैसे तो कई फिल्मों में काम किया था लेकिन उन्हें सफलता मिली एक टीवी शो ‘रोंदेवू विद सिमी ग्रेवाल’ से.


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बचपन से ही था एक्ट्रेस बनने का शौक 


सिमी ग्रेवाल को बचपन से ही एक्ट्रेस बनने का शौक था. हालांकि, सिमी के घरवालों ने उन्हें और उनकी बहन को पहले अच्छे से पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित किया और हायर एजुकेशन के लिए इंग्लैंड भेज दिया था. पढ़ाई पूरी करने के बाद सिमी ने फिल्मों में अपना करियर बनाया, उनकी पहली फिल्म 1962 में रिलीज हुई ‘टार्जन गोज टू इंडिया’ थी जिसमें फिरोज खान एक्ट्रेस के अपोजिट नजर आए थे. वहीं, सिमी को 1965 में रिलीज हुई फिल्म ‘तीन देवियां’ से बॉलीवुड में पहली सफलता मिली थी. हालांकि, कई फिल्मों में काम करने के बावजूद सिमी को सही मायनों में पहचान टीवी शो ‘रोंदेवू विद सिमी ग्रेवाल’ से मिली थी. 


 मंसूर अली खान पटौदी से करतीं थीं प्यार लेकिन शादी नहीं हो सकी थी 


सिमी ग्रेवाल एक समय क्रिकेटर और सैफ के पिता नवाब पटौदी से बेहद प्यार करती थीं लेकिन इनकी शादी नहीं हो सकी थी. इसके बाद सिमी ने दिल्ली के ही एक बिजनेस मैन रवि मोहन से शादी की थी लेकिन यह रिश्ता ज्यादा दिन चल नहीं पाया था. बता दें कि सिमी की कोई संतान नहीं है और इस बात का दुःख आज भी एक्ट्रेस को है.